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कोरोना वायरस को लेकर सरकार ने उठाया और सख्त कदम, नेपाल सीमा पर टीमें तैनात

स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष टीमें भारत नेपाल सीमा पर तैनात कर दी गई हैं. इन विशेष टीमों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ ही वैज्ञानिकों का एक दल भी शामिल है.

Updated on: 27 Jan 2020, 02:12 PM

नई दिल्ली:

नेपाल में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद अब भारत सरकार ने देश से लगी नेपाल की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष टीमें भारत नेपाल सीमा पर तैनात कर दी गई हैं. इन विशेष टीमों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ ही वैज्ञानिकों का एक दल भी शामिल है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, विशेषज्ञों की टीम कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में भेजी गई है. यहां भारत-नेपाल सीमा पर सीमा चुंगी से भारत में प्रवेश करने वाले सभी भारतीयों व विदेशी नागरिकों को गहन जांच के बाद ही भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. वहीं कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगियों को सामान्य लोगों से अलग चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, 'मैंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से फोन पर बात की है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को राज्य की नेपाल से लगी सीमा पर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया गया है.'

डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, उन्होंने इस संबंध में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करने का अनुरोध भी किया है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल सीमा के दो मुख्य द्वारों झुलाघाट और जौलजीबी पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीमें तैनात की हैं. वहीं पश्चिम बंगाल में पानी टंकी नामक सीमावर्ती प्रवेश द्वार पर केंद्र की ओर से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टीम तैनात की गई है.

गौरतलब है कि चीन के वुहान प्रांत समेत कई अन्य हिस्सों में अभी तक हजारों लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं. डॉ. हर्षवर्धन ने नेपाल में भी एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से ग्रसित होने की पुष्टि की है. नेपाल में कोरोना वायरस पाए जाने के बाद भारत में इसकी रोकथाम के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है. यही कारण है कि अब प्रत्येक सीमा द्वार पर डॉक्टरों की टीम और आपातकालीन क्लीनिक स्थापित किए जा रहे हैं.