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Corona Alert: लॉकडाउन को मानकर घर पर ही रहो, वर्ना सामुदायिक संक्रमण नहीं रोक सकेंगे

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि यदि लोगों ने लॉकडाउन (Lockdown) का उल्लंघन किया तो सामुदायिक संक्रमण (Community Infection) का खतरा पैदा हो सकता है.

Updated on: 28 Mar 2020, 08:56 AM

highlights

  • लॉकडाउन का शनिवार को चौथा दिन है, लेकिन देश के कई हिस्सों में मजदूरों का पलायन चिंता का सबब.
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया तो सामुदायिक संक्रमण का खतरा.
  • कोरोना विश्व भर में अब तक 27,343 लोगों की जान जा चुकी है. भारत में अब तक 20 लोगों की मौत.

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार के तेज होते प्रयासों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि यदि लोगों ने लॉकडाउन (Lockdown) का उल्लंघन किया तो सामुदायिक संक्रमण (Community Infection) का खतरा पैदा हो सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालांकि कहा कि सामुदायिक संक्रमण का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है. इस बीच कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों से 18 जनवरी और 23 मार्च के बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भारत में प्रवेश करने वालों की निगरानी को तत्काल सख्त करने को कहा. उन्होंने कहा कि इसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए और कोविड-19 (COVID-19) को लेकर जिन लोगों की निगरानी की जा रही है उनकी संख्या और कुल आए लोगों की संख्या में अंतर प्रतीत होता है.

देशव्यापी बंद का कड़ाई से हो पालन
भारत में कोरोना वायरस के कुल मामले एवं मृतक संख्या भले ही अमेरिका, ब्रिटेन और इटली जैसे देशों की तुलना में कम है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि लोगों को कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए देशव्यापी बंद का कड़ाई से पालन करना होगा क्योंकि लोगों ने घरों में ही रहने के नियमों का पालन अब नहीं किया तो सामुदायिक स्तर पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. देश के प्रमुख अस्पताल समूहों के डॉक्टरों ने यह चेतावनी भी दी है कि बंद केवल वायरस के संक्रमण को फैलने की रफ्तार कम करेगा और इस अवधि में भारत को कोविड-19 की जांच समेत अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए अपने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत कर लेना चाहिए.

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विदेशों से आए लाखों लोगों का अता-पता नहीं
सर गंगाराम अस्पताल के डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि हजारों लोग हाल ही में दूसरे देशों से लौटे हैं और इनमें कई का अभी पता चलना है. कई जांच नहीं करा रहे और कई घर में पृथक रखे जाने के बावजूद घूम रहे हैं. उसके बाद गरीब लोग एक से दूसरी जगह जा रहे हैं तो ऐसे में भी संक्रमण का खतरा है. क्या सरकार इन सभी लोगों के घरों के बाहर पहरा लगा सकती है? डेढ़ अरब आबादी वाला देश है! उन्होंने कहा कि भारत की जनसांख्यिकी और भूगोल अमेरिका, इटली तथा दक्षिण कोरिया जैसे अन्य देशों से बहुत अलग है, ऐसे में चिकित्सक बिरादरी में आशंका है कि लोग अगर बंद के नियमों को लगातार तोड़ते रहे तो ज्ञात संपर्कों से परे संक्रमण फैलना शुरु हो सकता है.

चिंता का सबब बना मजदूरों का पलायन
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारत में 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा बुधवार को की गई थी. इस वैश्विक महामारी के कारण विश्व भर में अब तक 27,343 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से ज्यादातर मौतें यूरोप में हुई हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अस्पताल में संक्रमण संबंधी नियंत्रण टीमों द्वारा चलाए जा रहे 'आवश्यक' प्रशिक्षण मॉड्यूल से गुजरे बिना किसी रेजिडेंट चिकित्सक को कोविड-19 केंद्र में नियुक्त नहीं किया जाएगा. देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 830 के पार चली गई है. जबकि अब तक इस वायरस से 20 लोगों की जान गई है. मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है. उधर लॉकडाउन का आज चौथा दिन है, लेकिन देश के कई हिस्सों में मजदूरों का पलायन चिंता का सबब बन गया है.

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कोरोना की नई दवा खोजेगा भारत
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की महामारी एवं संक्रामक रोग इकाई के प्रमुख डॉ. रमन आर गंगाखेडकर ने बताया कि कोरोना वायरस के उपचार की दवा विकसित करने के लिये भारत, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ दुनिया के तमाम देशों की साझेदारी वाली परीक्षण प्रक्रिया में अपनी भागीदारी कर सकता है. उन्होंने कहा कि परीक्षण के फलस्वरूप नयी दवाओं की खोज हो सकेगी. इस बीच रक्षा मंत्रालय के आदेश के अनुसार सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए चिकित्सकीय एवं पृथक केंद्र स्थापित करने की खातिर उपकरण खरीदने के लिए सेना के कोर एवं डिविजनल कमांडरों को आपात वित्तीय शक्तियां दीं हैं.

एनडीआरएफ ने भी कसी कमर
आपादाओं से निपटने में कुशल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा है कि घातक कोविड-19 के बढते मामलों और उसके फलस्वरूप देश में लगाए गए अप्रत्याशित बंद के बीच यदि बल की सेवाओं की जरूरत पड़ी तो उसके लिए एनडीआरएफ ने पूरी तरह कमर कस ली है. प्रधान ने कहा कि बल के कर्मी भी अपनी तैयारी के तहत कोविड-19 राज्य नियंत्रण कक्षों में मौजूद हैं. उन्होंने ढांढस बंधाते हुए कहा कि प्रति बटालियन 84 छोटी कोर टीमें बनायी हैं. यह बल निजी सुरक्षा उपकरणों के साथ हर बटालियन में 600 कर्मियों को शामिल करने का प्रयास कर रहा है.