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Nirbhaya Gang Rape Case : दया याचिका खारिज होने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दोषी

अदालत ने मुकेश के वकील को संबंधित अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा है. इससे पहले शीर्ष अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराए जाने और फांसी की सजा के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था

Updated on: 27 Jan 2020, 07:06 PM

नई दिल्ली:

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषियों में से एक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उसकी दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ अब दोषी ने शीर्ष न्यायालय में अर्जी दाखिल कर अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की है. मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह (32) ने पिछले सप्ताह दया याचिका पेश की थी, जिसे 17 जनवरी को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था. प्रधान न्यायाधीश न्यामूर्ति एस.ए बोबडे, न्यामूर्ति बी.आर. गवई और न्यामूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, अगर किसी को फांसी होने वाली है, तो इससे ज्यादा जरूरी कुछ नहीं हो सकता.

दोषियों को एक फरवरी को फांसी दी जानी है. अदालत ने मुकेश के वकील को संबंधित अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा है. इससे पहले शीर्ष अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराए जाने और फांसी की सजा के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका की अर्जी लगाई थी. इस मामले में निचली अदालत ने दोषियों को मौत की सजा दिए जाने के लिए वारंट जारी किया है. उन्हें एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी है.

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इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को हाल ही में मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देने वाली अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. इस याचिका में मामले को लेकर एकमात्र गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं और दावा किया गया है कि वह निष्पक्ष गवाह नहीं है और उसका बयान विश्वसनीय नहीं है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.के. जैन लंच के बाद अपने आदेश सुनाएंगे. मामले में मौत की सजा पाने वाले पवन गुप्ता के पिता हीरा लाल गुप्ता ने गुरुवार को सत्र अदालत में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की. इसमें हाल ही के मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी गई है. मजिस्ट्रेट की अदालत ने याचिका में एकमात्र गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाले आवेदन को खारिज कर दिया था.

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गौरतलब है कि कि 16 दिसंबर, 2012 को हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. छह आरोपियों ने 23 वर्षीय महिला के साथ चलती बस में मिलकर दुष्कर्म किया था और उसकी बुरी तरफ पिटाई की थी. बाद में छात्रा की मौत हो गई थी. सभी छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. आरोपियों में से एक नाबालिग था, इसलिए उसे किशोर अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया. वहीं अन्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी.