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BJP-शिवसेना के रार के बीच कांग्रेस ने खेला दांव, चव्हाण ने कहा- उद्धव ठाकरे का प्रस्ताव आया तो....

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के बाद अब कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने भी कहा है कि शिवसेना अगर साथ आना चाहे तो आगे बात की जा सकती है. हालांकि शिवसेना (Shiv sena) की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है.

Updated on: 29 Oct 2019, 09:41 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर घमासान मचा हुआ है. एक-दूसरे पर बयानों के तीर छोड़े जा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस ने भी दांव खेल दिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के बाद अब कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) (Prithviraj Chavan) ने भी कहा है कि शिवसेना अगर साथ आना चाहे तो आगे बात की जा सकती है. हालांकि शिवसेना (Shiv sena) की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने कहा, 'शिवसेना प्रस्ताव रखती है तो पार्टी हाईकमान और अन्य दलों के नेताओं के साथ चर्चा की जाएगी. हालांकि अभी शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है.'

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इसके साथ ही पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने बीजेपी-शिवसेना को लेकर कहा, 'भाजपा और शिवसेना को महाराष्ट्र के मतदाताओं को बताना चाहिए कि उनके बीच क्या फैसला हुआ. अगर उनके बीच इतना अविश्वास है तो वे सरकार कैसे बना सकते हैं?'

बता दें कि इससे पहले बालासाहेब थोराट (balasaheb thorat) कहा था कि अगर एनसीपी और शिवसेना मिलकर सरकार बनाने की सोचते हैं तो हम दिल्ली में आलाकमान से बात करेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक शिवसेना की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है.

इधर, महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) से चल रही खींचतान के बीच मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ने कड़ा पलटवार किया है. फडनवीस ने कहा कि शिवसेना से 50-50 फॉर्मूले पर कोई बातचीत नहीं हुई थी. उन्‍होंने कहा, शिवसेना गलतफहमी में न रहे. 5 साल मैं ही मुख्‍यमंत्री रहूंगा. ढाई-ढाई साल के सीएम को लेकर कभी कोई बातचीत हुई ही नहीं थी.

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इसपर शिवसेना (Shiv sena) संजय राउत ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुख्यमंत्री ने क्या कहा है. अगर वे कह रहे हैं कि '50-50 फॉर्मूला' पर कभी चर्चा नहीं हुई थी, तो मुझे लगता है कि हमलोगों को सत्य की परिभाषा को बदल देने की जरूरत है. इस मुद्दे को लेकर क्या चर्चा हुई थी, जिसके बारे में मुख्यमंत्री बात कर रहे हैं, यह सभी जानते हैं. मीडिया वहां मौजूद थी. यह किसी से छुपा हुआ नहीं है.

बता दें कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सत्ता की चाबी हाथ में रखने को लेकर होड़ मची है. महाराष्ट्र की कमान कौन संभालेंगे ये तय नहीं हो पा रहा है. 288 विधायकों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी-शिवसेना के हिस्से में 161 सीटें आई हैं. बीजेपी को महाराष्ट्र में 103 सीट मिली है जबकि शिवसेना को 56 सीट. बहुमत के लिए 144 सीट की जरूरत है.