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बाबरी मस्जिद पर सुनवाई से दूर सिब्बल, क्या कर्नाटक चुनाव है वजह

कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड की पैरवी कर रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल को हटने के निर्देश दिये हैं।

Updated on: 27 Mar 2018, 12:49 PM

नई दिल्ली:

कर्नाटक का चुनाव के समय विवादों से बचने के लिये कांग्रेस ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड की पैरवी कर रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल को हटने के लिये कहा है। 

कपिल सिब्बल बाबरी मस्जिद मामले में पिछली सुनवाई में हाजिर नहीं हुए हैं ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस ने उन्हें इस केस से दूर रहने के लिये कहा है। 

हालांकि सिब्बल जिनकी तरफ से पैरवी कर रहे है उन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्हें सिब्बल के केस से हटने की जानकारी नहीं कि कांग्रेस ने उन्हें हटने के लिये कहा है। उनका कहना है कि यह एक अस्थायी ब्रेक है।

उधर, केस में एक प्रमुख वकील और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा, 'संवैधानिक मसलों पर बहस करने के लिए हमें सिब्बल की जरूरत है। यह स्टेज 6 अप्रैल को अगली सुनवाई में नहीं बल्कि बाद में आएगा। इस बीच राजीव धवन लीड कर रहे हैं।'

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अटकलों के बीच अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाइयों पर है। अब यह देखना होगा कि इस केस की लीगल टीम में सिब्बल दिखते हैं या नहीं।

गुजरात चुनाव के दौरान राम मंदिर से जुड़े सिब्बल के एक बयान को लेकर विवाद पैदा हो गया था। कांग्रेस नहीं चाहती है कि राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बीजेपी कर्नाटक के चुनावों में इसे चुनावी मुद्दा बनाए। 

गुजरात चुनाव के समय सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि इस संवेदनशील मामले की सुनवाई को 2019 के लोकसभा चुनावों तक रोक देना चाहिए।

सिब्बल के बयान को बीजेपी ने मुद्दा बनाया और पीएम नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि क्या राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान यह पार्टी का आधिकारिक रुख है। 

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