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मोदी सरकार का अगर ये प्रस्ताव हुआ पास, तो कंपनियां कर्मचारियों से नहीं करा पाएंगी ओवरटाइम

इस प्रस्ताव के तहत कोई भी कंपनी कर्मचारियों की लिखित मंजूरी के बिना उससे ओवरटाइम नहीं करा पाएगी. अगर वो ओवरटाइम करते हैं तो उन्हें दोगुना मेहनताना भी देना होगा.

Updated on: 29 Jul 2019, 06:11 PM

नई दिल्ली:

कर्मचारियों को राहत देने के लिए मोदी सरकार एक प्रस्ताव लाने जा रही है. इस प्रस्ताव के तहत कोई भी कंपनी कर्मचारियों की लिखित मंजूरी के बिना उससे ओवरटाइम नहीं करा पाएगी. अगर वो ओवरटाइम करते हैं तो उन्हें दोगुना मेहनताना भी देना होगा.

मोदी सरकार ने पेशेगत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा पर संहिता 2019 में यह प्रस्ताव किया गया है. इस प्रस्ताव में ओवरटाइम करने को लेकर नियम बनाए गए हैं. जो भी कर्मचारी अपने तय वक्त से ज्यादा काम करता है तो उसे दोगुना सैलरी देने होगा. इसमें बेसिक पे, महंगाई भत्ता और रिटेन्शन पे शामिल होंगे.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने एक बिल पेश किया था. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्र के मजदूरों के हितों की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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सरकार इस प्रस्ताव में उस नियम को हटा रही है, जिसके मुताबिक किसी भी कर्मचारी से ओवरटाइम काम कराने की इजाजत मिली हुई थी.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पीएम ने एक योजना चलाई है, जिसमें अब कंपनियों (एंप्लायर्स) का 12 फीसदी हिस्सा सरकार दे रही है. इससे ईएसआई और पीएफ वाले एक-एक करोड़ कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. 44 श्रम कानूनों को 4 कोड्स में परिवर्तित किया जा रहा है.

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नए नियम में बोनस की पात्रता 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार रुपए कर दी है. पैसा सीधे बैंक अकाउंट में भेजा जाता है. मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया, 14 साल तक के बच्चों के लिए बाल श्रम पूरी तरह से प्रतिबंधित किया, ग्रेच्यूटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी है. न्यूनतम मजदूरी में बीते पांच सालों में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई.