logo-image

यौन उत्पीड़न केस : SC के जजों ने जांच कमेटी पर जताई आपत्ति, कहा- CJI केस में बिना पीड़िता महिला के सुनवाई ठीक नहीं

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस में अब नया मोड़ आया है.

Updated on: 05 May 2019, 11:41 AM

नई दिल्ली:

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस में अब नया मोड़ आया है. यौन उत्पीड़न केस की सुनवाई को लेकर साथी जजों के बीच ही मतभेद है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (justice dy chandrachud) और जस्टिस नरीमन (Justice Nariman) ने इनहाउस जांच कमेटी से आपत्ति जताते हुए कहा, शिकायतकर्ता महिला के बगैर सुनवाई उचित नहीं है.

इस लेकर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन ने इनहाउस जांच कमेटी से मुलाकात की. दोनों जजों ने कहा, एकतरफा सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट (SC) की छवि धूमिल होगी. लिहाजा या तो शिकायतकर्ता महिला की मांग के मुताबिक उसे वकील के जरिए अपनी बात कहने की इजाजत दी जाए या फिर किसी न्यायविद् को अमाइकस क्यूरी बनाए.

यह भी पढ़ें ः लाल कृष्ण आडवाणी से पूछो गुलशन कुमार को किसने मारा-जानें किस अंडरवर्ल्ड डॉन ने कही थी यह बात

सीजेआई (CJI) के खिलाफ लगे आरोप की जांच के लिए बनी इनहाउस कमेटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट में नंबर 2 जज जस्टिस एसए बोबड़े कर रहे हैं और बाकी दो सदस्य महिला जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी हैं. वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के जजों के वरिष्ठता सूची में 10वें नंबर पर हैं, जिन्होंने जस्टिस नरीमन के साथ मिलकर इनहाउस कमेटी के सामने यह आपत्ति रखी है.

यह भी पढ़ें ः मिर्जापुर के बाद अब 'बदनाम गली' जाएंगे 'मुन्ना भैया', जानिए क्या कुछ करने वाले हैं इस बार

दोनों जजों की यह आपत्ति महिला शिकायतकर्ता के रुख के बाद सामने आई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने बीते मंगलवार को कहा था कि वह मामले की जांच करने वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की कमेटी के सामने पेश नहीं होंगी. शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उन्हें सुनवाई के दौरान वकील रखने या किसी कानूनी सहयोग की इजाजत नहीं दी गई है. इसके चलते सुनवाई के दौरान बहुत घबराहट वाला माहौल रहता है. यह दावा करते हुए शिकायतकर्ता ने कमेटी के सामने पेश नहीं होने की बात कही थी.

यह भी पढ़ें ः अमीर आदमी बनकर 6 महिलाओं से बनाया रिलेशन, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप

शिकायतकर्ता की इसी मांग को अब सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने इनहाउस जांच कमेटी के सामने उठाया है और कहा है कि महिला की मांग पर ध्यान दिया जाए, क्योंकि उनकी गैर मौजूदगी में सुनवाई करना उचित नहीं है. बता दें कि यह शिकायतकर्ता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट है. उन्होंने चीफ जस्टिस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत के सभी न्यायाधीशों को एक शपथ पत्र भेजा था. इसके बाद इस मसले में इनहाउस कमेटी गठित की गई है.