CJI गोगोई ने CBI को लिया घेरे में, कहा- सियासी मामलों में एजेंसी की जांच खरी नहीं उतरती
इस दौरान सीजेआई ने सीबीआई से सवाल किया कि ऐसा क्यों होता है कि जब किसी मामले का कोई राजनीतिक रंग नहीं होता, तब सीबीआई अच्छा काम करती है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान सीजेआई ने सीबीआई (CBI) से सवाल किया कि ऐसा क्यों होता है कि जब किसी मामले का कोई राजनीतिक रंग नहीं होता, तब सीबीआई अच्छा काम करती है.
प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई ने आगे कहा, 'सीबीआई में ऑपरेशनल और कमांड साइड में असमानता है.एक्जीक्यूटिव में 15 फीसदी पद खाली हैं. जबकि सीबीआई की टेक्निकल यूनिट में भी 50 प्रतिशत पदों पर भर्तियां नहीं हुईं. वहीं 28 प्रतिशत कानून अधिकारियों का पद खाली है.
CJI Gogoi at 18th DP Kohli Memorial Lecture in Delhi: Gap that exists in CBI is qualitative & quantitative. Such gaps exist not only on operational end but also on command side with 15% posts in executive ranks, 28% in law officers & above 50% in technical officers lying vacant. pic.twitter.com/VqUw3tDIj5
— ANI (@ANI) August 13, 2019
न्यायमूर्ति गोगोई डीपी कोहली स्मारक व्याख्यान के 18वें संस्करण में एजेंसी की कमियों और ताकतों के बारे में स्पष्ट बात की और उसे आगे बढ़ने के बारे में सलाह भी दी.
मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने कहा, 'कई हाई प्रोफाइल और संवेदनशील मामलों में जांच एजेंसियां न्यायिक जांच के मानकों को पूरा नहीं कर पाई है. लेकिन यह बात भी उतनी सच है कि ऐसी गलतियां कभी-कभार ही होती है.
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उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार के मामले प्रणालीगत समस्याओं को दिखाती है. संस्थागत आकांक्षाओं, संगठनात्मक संरचना, कामकाज की संस्कृति और शासी राजनीति के बीच समन्वय की गहरी कमी की ओर संकेत करते हैं. इसे ठीक करने की जरूरत है.
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मुख्य न्यायधिश ने विनीत नारायण बनाम भारत संघ मामला का उदाहरण देते हुए कहा कि जब किसी मामले में कोई राजनीतिक रंग नहीं होता तब सीबीआई ठीक काम करती है. लेकिन इसके उलट परिस्थिति के कारण विनीत नारायण बनाम भारत संघ मामला सामने आया, जिसमें उच्चतम न्यायालय ने एजेंसी की सत्यनिष्ठा की रक्षा करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश तय किए.
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