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7 घंटे से ज्यादा बहस के बाद लोकसभा में पास हुआ CAB, पक्ष में पड़े 311 वोट, विपक्ष में 80

इस बिल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है.

Updated on: 10 Dec 2019, 12:44 AM

नई दिल्‍ली:

7 घंटों से ज्यादा बहस के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है. इस बिल को लागू करने के लिए देर रात तक चलाया गया. संसद सत्र इस बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इस बिल के खिलाफ वोटिंग की है. लोकसभा से पास होने के बाद अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इस बिल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इसके अलावा इस बिल में इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, सिख, पारसी, जैन, और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भी नागरिकता देने का प्रस्ताव है.

सदन में शिवसेना, शिरोमणि अकालीदल जनता दल यूनाइटेड, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस जैसे दल इस बिल के समर्थन में आए और इनके समर्थन में आने के बाद इस बिल के उच्च सदन में भी आसानी से पास होने की संभावना बढ़ गई है. इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक लाखों करोड़ों शरणार्थियों को यातना से मुक्ति देगा, उन्होंने कहा कि यह बिल किसी समुदाय विशेष के लिए नहीं है बल्कि अल्पसंख्यकों के लिए है.

                                         

गृहमंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या में आई कमी के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश पर भी निशाना साधा है. शाह ने कहा कि 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत तक थी, लेकिन साल 2011 तक ये घटकर 3.7 प्रतिशत हो गई. वहीं बांग्लादेश में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 में यह घटकर 7.8 फीसदी ही रह गई. आखिर इन देशों में अल्पसंख्यक कहां चले गए. अमित शाह ने कहा इन देशों के अल्पसंख्यक या तो मार दिए गए भगा दिए गए या फिर धर्मांतरण हो गए. आखिर इसमें उनका क्या दोष था कि वो अल्पसंख्यक हैं. हम चाहते हैं कि इन लोगों का सम्मान बना रहे.

धर्म के आधार पर हुआ देश का बंटवारा जिसकी वजह से लाना पड़ा बिल

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अच्छा तो यह होता कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता. ऐसा न होता तो फिर यह बिल लाने की जरूरत ही न पड़ती. धर्म के आधार पर विभाजन हुआ, जहां मुस्लिम भाई अधिक थे वह पाकिस्तान बना. फिर पाकिस्तान में भी विभाजन हुआ और एक हिस्सा बांग्लादेश में तब्दील हुआ. लेकिन इस बीच एक विभीषिका आई और लाखों लोगों को यातना झेलनी पड़ी.

पाकिस्तान-बांग्लादेश से कहां गायब हुए अल्पसंख्यक

गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान और बांग्लादेश को समाने रखते हुए कहा कि 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 में 3.7 प्रतिशत हो गई. बांग्लादेश में 47 में 22 प्रतिशत आबादी 22 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 में यह 7.8 पर्सेंट हो गई. आखिर ये लोग कहां चले गए या तो मार दिए गए. भगा दिए गए या फिर धर्मांतरण हो गए. आखिर उनका क्या दोष था. हम चाहते हैं कि इन लोगों का सम्मान बना रहे. कहा जा रहा है कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने जा रहा है.

रोहिंग्याओं को भी निकाला जाएगा

अमित शाह ने कहा कि रोहिंग्या को भी कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा. म्यांमार सेक्युलर देश है और रोहिंग्या बांग्लादेश से होते हुए यहां आना चाहते हैं. मैं यह स्पष्ट कर दूं कि उन्हें कभी भी भारत में स्वीकार नहीं किया जाएगा.

मुसलमानों से नहीं नफरत

शाह ने लोकसभा में विपक्ष के सवालों पर कहा कि हमें मुसलमानों से कोई नफरत नहीं है. इस देश के किसी मुसलमान का इस विधेयक से कोई वास्ता नहीं है.कांग्रेस देश में ऐसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है जिसकी केरल में सहयोगी मुस्लिम लीग है और महाराष्ट्र में शिवसेना उसकी सहयोगी है .

द्विराष्ट्र का विरोध कांग्रेस ने क्यों नहीं किया था

गृह मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने जिस द्विराष्ट्र नीति की बात की, उसे कांग्रेस ने क्यों स्वीकार किया. रोका क्यों नहीं. महात्मा गांधी ने विरोध किया था लेकिन कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन स्वीकार किया था, यह ऐतिहासिक सत्य है.

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नहीं बच पाएंगे घुसपैठिए

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस देश में ऐसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है जिसकी केरल में सहयोगी मुस्लिम लीग है और महाराष्ट्र में शिवसेना उसकी सहयोगी है. शाह ने एनआरसी विफल होने के विपक्ष के कुछ सदस्यों के विचार पर कहा, ‘मैं फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब हम एनआरसी लेकर आएंगे तो देश में एक भी घुसपैठिया बच नहीं पाएगा.’

एनआरसी लागू होकर रहेगा

शाह ने कहा कि हमारा रुख साफ है कि इस देश में एनआरसी लागू होकर रहेगा. हमारा घोषणापत्र ही इसकी पृष्ठभूमि है. शाह ने कहा कि एनआरसी और इस विधेयक में कोई संबंध नहीं है. वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को शरण देने की कोशिश करने वालों को हम सफल नहीं होने देंगे. गृह मंत्री ने एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर कहा कि हमें मुसलमानों से कोई नफरत नहीं है. आप भी नफरत पैदा करने की कोशिश मत करना. उन्होंने साफ किया कि इस देश के किसी मुसलमान का इस विधेयक से कोई वास्ता नहीं है.