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जरूरत पड़ी तो हालात का जायजा लेने मैं खुद जम्‍मू-कश्‍मीर जाऊंगा, CJI ने कही बड़ी बात

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा, यदि आवश्यकता हुई तो मैं जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकता हूं.

Updated on: 16 Sep 2019, 03:15 PM

नई दिल्‍ली:

जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने को लेकर दाखिल 8 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फारुख अब्‍दुल्‍ला की नजरबंदी को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. साथ ही कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद को जम्‍मू-कश्‍मीर के चार जिलों का दौरा करने की इजाजत दे दी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं भी जम्‍मू-कश्‍मीर का दौरा करूंगा. भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा, यदि आवश्यकता हुई तो मैं जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकता हूं. 

चाइल्ड राइट एक्टविस्ट इनाक्षी गांगुली की अर्जी में वकील ने कहा कि हालात इतने ख़राब हैं कि लोग जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट भी नहीं जा सकते. इस पर चीफ जस्टिस ने हैरानी जताते हुए कहा- क्या सच में ऐसा है. हम जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से रिपोर्ट मांग रहे हैं. अगर ज़रूरत पड़ी तो इस बारे में पता करने के लिए खुद जम्मू-कश्मीर जाएंगे. हालांकि यह दावा सही नहीं निकला तो याचिकाकर्ता को इसके परिणाम भुगतने होंगे.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद को राज्‍य के 4 जिलों का दौरा करने की छूट देते हुए किसी राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्‍सा न लेने को कहा है. गुलाम नबी आजाद इस दौरान कोई राजनीतिक रैली भी नहीं कर पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने गुलाम नबी आज़ाद को श्रीनगर, बारामुला, अनंतनाग और जम्मू का दौरा करने की अनुमति दे दी है.

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सुनवाई शुरू होते ही MDMK चीफ वाइको की याचिका (हैबियस कार्पस) पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर फारुक अब्‍दुल्‍ला की हिरासत को लेकर जवाब तलब किया. वाइको के वकील ने कहा कि अब्दुल्ला उनके (वाइको के) निमंत्रण पर 15 सितम्बर को चेन्नई में पूर्व CM अन्नादुरई के जयंती समारोह में शामिल होने वाले थे, लेकिन अब हिरासत में रहने से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा. हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को लेकर कोई आदेश जारी करने से मना कर दिया. अदालत ने कहा, सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर संचार व्यवस्था सुचारू करने को लेकर फैसला ले.

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दूसरी ओर, सीतराम येचुरी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पार्टी के नेता तरीगामी को जम्मू कश्मीर लौटने की इजाजत तो दे दी पर वहां उन्हें जम्मू-कश्मीर में बिना किसी रोक के घूमने या फिर सुरक्षा मुहैया कराने पर कोई आदेश देने से मना कर दिया.