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मौजूदा एनपीआर संप्रग के समय से अलग, मोदी सरकार का दुर्भावनापूर्ण एजेंडा : चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NPR) को लेकर बृहस्पतिवार को नरेंद मोदी सरकार पर दुर्भावनापूर्ण एजेंडा रखने का आरोप लगाया और दावा किया कि मौजूदा एनपीआर संप्रग सरकार के समय के एनपीआर से बिल्कुल अलग है.

Updated on: 26 Dec 2019, 12:00 PM

दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NPR) को लेकर बृहस्पतिवार को नरेंद मोदी सरकार पर दुर्भावनापूर्ण एजेंडा रखने का आरोप लगाया और दावा किया कि मौजूदा एनपीआर संप्रग सरकार के समय के एनपीआर से बिल्कुल अलग है. पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ है तो वह 2010 के एनपीआर का स्पष्ट रूप से समर्थन करे और यह भी स्पष्ट करे कि वह इसे राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) से जोड़ने का इरादा नहीं रखती है.

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उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''मुझे खुशी है कि भाजपा ने 2010 में आरंभ हुए एनपीआर की एक वीडियो क्लिप जारी की है. कृपया इसे सुनिए. हम देश के सामान्य नागरिकों की बात कर रहे हैं. नागरिकता पर नहीं, निवास पर जोर है.'' चिदंबरम ने दावा किया, "भाजपा नीत सरकार का व्यापक और दुर्भावनापूर्ण एजेंडा है. इसलिए उनके द्वारा जिस एनपीआर को मंजूरी दी गयी है वह खतरनाक और 2010 के एनपीआर के लिखित ब्यौरे एवं सन्दर्भ से अलग है.'' उन्होंने कहा, '' अगर भाजपा का इरादा सही है तो सरकार बिन शर्त यह कहे कि वह 2010 के एनपीआर फॉर्म और उसकी रूपरेखा का समर्थन करती है तथा इसे एनआरसी से जोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है."

इससे पहले बीजेपी ने पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम का एक वीडियो जारी किया था. है. इसमें चिदंबरम एनपीआर की वकालत करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो के अनुसार, पी चिदंबरम ने एनपीआर के बारे में कहा था- मानव इतिहास में पहली बार है जब हम पहचान, गणना, रिकॉर्ड, गणना करना शुरू कर रहे हैं. 120 करोड़ लोगों के लिए पहचान पत्र जारी कर रहे हैं. यह विश्व की सबसे बड़ी योजना है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो 2010 के आसपास का है. तब यूपीए सरकार ने एनपीआर अभ्यास को लांच किया था.

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बीजेपी ने 2014 में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल और उसका जवाब ट्वीट किया है. लोकसभा में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तैयार करते समय नागरिकों और गैर-नागरिकों की पहचान करने के लिए भारत के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है. तब गृह राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने इसका स्पष्ट जवाब ना में दिया था.