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जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में जल्द ही केंद्रीय तथा राज्य के रिक्त पद भरे जाएंगे : मोदी

केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही कुल कालखंड के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए सीधे केंद्र के शासन में रखना बहुत सोच-समझकर लिया है.

Updated on: 08 Aug 2019, 09:36 PM

highlights

  • प्रधानमंत्री ने दिया देश के नाम संबोधन
  • जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मिलेंगी नौकरियां
  • छात्रों के लिए सरकार करेगी उचित इंतजार

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम सम्बोधन में कहा कि जल्द ही जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और वहां की जनता गुड गवर्नेंस और पारदर्शिता के साथ अपने लक्ष्यों को पाने में सफल होगी. प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में गुरुवार को कहा, "केंद्र सरकार की प्राथमिकता रहेगी कि आने वाले समय में राज्य के कर्मचारियों को दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों के बराबर सुविधाएं मिलें. अभी केंद्र शासित प्रदेशों में एलटीसी, एचआरए, हेल्थ स्कीम दी जाती हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों और पुलिस सेवा के लोगों को ये सुविधाएं नहीं मिलती हैं. इन सबके ये सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी."

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों में भर्ती शुरू होगी. स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेगा. सेना और अर्धसैनिक बलों द्वारा स्थानीय युवाओं की भर्ती के लिए रैलियों का आयोजन सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप योजना का भी विस्तार किया जाएगा. ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ मिल सके. राजस्व घाटा बहुत ज्यादा इसके प्रभाव को कम किया जाए. केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही कुल कालखंड के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए सीधे केंद्र के शासन में रखना बहुत सोच-समझकर लिया है. जबसे गर्वनर रूल लगा है, जम्मू-कश्मीर का प्रशासन सीधे केंद्र के संपर्क में है. बीते महीनों से शासन और विकास का और बेहतर प्रभाव जमीन पर दिखाई देने लगा है. पहले कागजी योजनाएं अब जमीन पर उतारा जा रहा है. दशकों से लटके प्रोजेक्ट को नई गति मिल रही है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन में नई कार्यशऐली पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है. 

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प्रधानमंत्री ने कहा, "बहुत जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे वहां रोजगार का अवसर बढ़ेगा. साथ ही केंद्र सरकार की कम्पनियों और प्राइवेट सेक्टर को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कहा जा जाएगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप का भी विस्तार किया जाएगा."

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प्रधानमंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजस्व घाटा बहुत ज्यादा है. यह चिंता की बात है. बकौल प्रधानमंत्री, " केंद्र राजस्व घाटा कम करने का प्रयास करेगी. केंद्र ने अभी कुछ कालखंड के लिए जम्मू-कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच समझकर रखा है." प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर एक परिवार के तौर पर आपने, हमने पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई बहन अनेक सुविधाओं से वंचित थे जो उनके विकास में बाधा थी, हम सबके प्रयासों से अब दूर हो चुकी है.

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