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ईरान में फंसे 250 भारतीय तीर्थ यात्रियों को जल्द भारत लाने पर विचार करे केंद्र- सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह भारतीय दूतावास को स्थिति पर लगातार निगाह रखने और ईरान में फंसे भारतीयों के संपर्क में बने रहने का निर्देश देने के बारे में सोच रही है.

Updated on: 02 Apr 2020, 10:55 AM

दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से उन 250 भारतीय तीर्थयात्रियों को भारत लाने पर शीघ्र विचार करने के लिए कहा, जिन्हें कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाया गया है और ईरान के क़ोम में फंसे हुए हैं. हालांकि न्यायालय ने भारतीय दूतावास द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों की सराहना की है. हालांकि, केन्द्र सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि ईरान के कोम में फंसे 250 भारतीय जायरीनों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुयी है और उन्हें नहीं निकाला गया है जबकि पांच सौ से ज्यादा दूसरे भारतीयों को वापस लाया जा चुका है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह भारतीय दूतावास को स्थिति पर लगातार निगाह रखने और ईरान में फंसे भारतीयों के संपर्क में बने रहने का निर्देश देने के बारे में सोच रही है. न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश देगी ओर भारतीय दूतावास से कहेगी कि इनकी नयी जांच करायी जाये और उन्हें जब भी संभव हो स्वदेश लाने की संभावना पर गौर करे. पीठ ने टिप्पणी की कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है.

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इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ईरान में फंसे अधिकांश भारतीयों को वापस लाया जा चुका है. याचिकाकर्ता मुस्तफा एमएच की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि ईरान में फंसे सभी भारतीयों को वापस नहीं लाया गया है और अभी भी करीब 250 भारतीय, जिनमें कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो गयी है, अभी भी वहीं हैं और वे ईरानी अधिकारियों के रहम पर हैं। मेहता ने कहा कि इस समय सारी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हैं और संबंधित प्राधिकारियों को विदेश मंत्रालय के फैसले का इंतजार है. मेहता ने कहा, ‘ईरान में हमारा दूतावास वहां फंसे 250 भारतीयों के संपर्क में है. वे जब भी संभव होगा उन्हें वापस लायेंगे.’

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उन्होंने कहा कि यह याचिका अब निरर्थक हो चुकी है. इस पर पीठ ने हेगड़े से कहा कि ईरान में फंसे लोगों का ध्यान रखा जा रहा है और इस मामले को अब सरकार पर छोड़ देना चाहिए. पीठ ने कहा, ‘आप इस मामले को आवश्यकता पड़ने पर फिर से उठा सकते हैं.’ हेगड़े ने कहा कि ईरान में अभी भी फंसे कई भारतीयों में इस वायरस के कोई लक्षण नहीं हैं और अगर उन्हें होटलों में ही ठहरने के लिये कहा गया है, जहां इस संक्रमण से प्रभावित लोगों को अलग रखा जा रहा है, तो वे भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि ईरान में फंसे 250 लोगों के पास पैसा,दवा और दूसरी सुविधायें नहीं हैं. वैसे भी उन्हें लेह जैसे स्थान पर वापस क्यों नहीं लाया जा सकता?

इसपर मेहता ने जवाब दिया कि ईरान से वापस लाकर लेह और दूसरे स्थान पर भेजे गये इन भारतीयों में से कई में अब कोरोनावायरस के लक्षण उभर आये हैं. पीठ ने कहा कि वह ईरान में फंसे भारतीयों की सेहत की स्थिति में सुधार होने पर उन्हें वापस लाने के बारे में आदेश देगी। ईरान कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों में शामिल है और उसके यहां अब तक दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.