logo-image

CBI ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत का किया विरोध

CBI ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत का किया विरोध

Updated on: 13 Feb 2019, 04:38 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अगस्‍ता वेस्‍टलैंड के बिचौलिये क्रिश्‍चियन मिशेल की जमानत याचिका का विरोध कर रही है. आज CBI ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत का विरोध करते हुए कहा, 'अदालत ने ED और CBI दोनों के आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है. CBI ने कहा की एक बार संज्ञान लेने के बाद आरोपी वैधानिक जमानत नहीं मांग सकता.

यह भी पढ़ें- राफेल डील पर CAG रिपोर्ट आने के बाद राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस

रक्षा सौदों में बिचौलिया था मिशेल

मिशेल कंपनी में 1980 से काम कर रहा था. उसके पिता भी कंपनी में भारतीय क्षेत्र के मामलों के लिए सलाहकार रहे थे. सीबीआई का कहना है कि मिशेल का भारत का काफी आना-जाना था. वह रक्षा सौदों में वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाता था. मिशेल को वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अफसरों से सूचनाएं मिलती थीं. इनको वह फैक्स के जरिए इटली और स्विट्जरलैंड भेजता था. इस मामले में एसपी त्यागी को 2016 में गिरफ्तार किया गया था. त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने डील को इस तरह प्रभावित किया कि कॉन्ट्रैक्ट इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को ही मिले.

यह भी पढ़ें- Airbus घोटाला : सिंगापुर फर्म के साथ बिचौलिया दीपक तलवार के खाते में डाले 10.5 मिलियन डॉलर

मिशेल पर आपराधिक साजिश का आरोप लगा था, जिसमें एसपी त्यागी, उनके परिवार के सदस्यों और अफसरों को भी शामिल किया गया था. यह भी कहा गया कि अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की सर्विस सीलिंग 6 हजार मीटर से 4500 मीटर तक कम करा ली थी. 
सीलिंग कम होने के बाद 556.262 मिलियन यूरो (करीब 44 लाख करोड़ रुपए) के हेलिकॉप्टर कॉन्ट्रैक्ट पर सहमति बनी थी. इसके लिए रक्षा मंत्रालय (यूपीए 2) ने 8 फरवरी 2010 को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के लिए पैसे दिए थे.