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CBI Vs CBI: आलोक वर्मा और अस्थाना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दो हफ्तों में CVC करे जांच, जज करेंगे निगरानी

इस मामले को लेकर सीबीआई ने साफ किया है कि निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को हटाया नहीं गया है.

Updated on: 26 Oct 2018, 11:59 AM

नई दिल्ली:

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर आज सुनवाई हो रही है.  कोर्ट ने शुरुआती सुनवाई में कहा कि सीवीसी को इस पूरे मामले की जांच फिर करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी से कहा कि 10 दिन में जांच की जाए. इस पर सीवीसी ने कहा है कि 10 में जांच संभव नहीं है. कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते में जांच पूरी होनी चाहिए. वहीं, कोर्ट ने अभी तक सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने पर कुछ भी नहीं कहा है. 

जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट ने केंद्र सरकार को दोनों दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने अगली सुनवाई 12 नवंबर को रखी है. कोर्ट ने आज यह भी साफ किया कि कार्यकारी निदेशक एम नागेश्वर राव कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे. कोर्ट ने कहा कि अब कोई नया नीतिगत फैसला नहीं लेंगे. इसके साथ कोर्ट ने 23 अक्टूबर से अभी तक राव द्वारा लिए गए फैसलों पर भी बंद लिफाफे में पूरी जानकारी मांगी है. 

उल्लेखनीय है कि कोर्ट फली नरीमन, आलोक वर्मा का पक्ष रखे हैं. कोर्ट में फली नरीमन 1997 के विनीत नारायण मामले में दिये गए फैसले का हवाला भी दिया. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल कम से कम 2 साल तय किया था. नरीमन में कहा कि बिना कानूनी प्रकिया के पालन किये आलोक वर्मा को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया. नरीमन ने DOPT और cvc के आदेश का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि ये आदेश गैरकानूनी है.

कोर्ट की निगरानी में जांच की बात कही. कोर्ट ने रिटायर्ट जज एके पटनायक को इस जांच की निगरानी करने के लिए नियुक्त किया. बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने सुनवाई की.

वर्मा ने मंगलवार देर रात 2 बजे छुट्टी पर भेजे जाने के बाद बुधवार सुबह कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. आलोक वर्मा ने कार्मिक विभाग के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है. बता दें कि आलोक वर्मा और जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चल रहे विवाद को लेकर केंद्र सरकार, सीवीसी व कार्मिक विभाग ने हस्तक्षेप करते हुए मंगलवार रात से दोनों को छुट्टी पर भेजने का फैसला किया था.

आज होने वाली सुनवाई में वरिष्ठ वकील फली नरीमन आलोक वर्मा की ओर से पेश होंगे. जबकि केंद्र सरकार का पक्ष अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सीवीसी का पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता रखेंगे.

वहीं राकेश अस्थाना की ओर से पूर्व अटॉनी जनरल मुकल रोहतगी कोर्ट में पेश होकर उनका पक्ष रखेंगे.

इस मामले में जिन तीन जजों को सुनवाई करनी है उनमें से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे. आज इसी मसले को लेकर दो याचिकाओं पर सुनवाई होगी. पहली याचिका आलोक वर्मा ने खुद दायर की है जबकि दूसरी कॉमन कॉज नाम के एनजीओ ने की है.

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इस मामले को लेकर सीबीआई ने साफ किया है कि निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को हटाया नहीं गया है. एजेंसी ने बताया है कि दोनों अपने पद पर बने रहेंगे.

बताया जा रहा है कि जब तक केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) मामले की जांच कर रहा है, तब तक एम नागेश्वर राव सीबीआई निदेशक का कार्यभार संभालेंगे. 

विवाद को लेकर सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी की विश्वसनीयता और छवि में गिरावट से उन सभी मामलों पर असर पड़ेगा, जिन्हें हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमारे सभी कदम एजेंसी की अच्छी छवि बनाए रखने के लिए है.

देखें वीडियोः सरकार के फैसले को आलोक वर्मा ने बताया गलत