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CBI के पूर्व जज का बड़ा खुलासा, जनार्दन रेड्डी के जमानत के बदले मिली थी 40 करोड़ घूस की पेशकश

पूर्व जज दावा किया कि खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी को जमानत पर छोड़ने के लिए उन्हें 40 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी.

Updated on: 27 Aug 2019, 06:34 PM

नई दिल्ली:

पूर्व सीबीआई स्पेशल जज बी नागा मारुति सर्मा ने एक बड़ा खुलासा किया है. सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट के प्रिंसिपल जज के सामने चर्चित कैश फॉर बेल (जमानत के लिए घूस) केस में गवाह के तौर पर पेश हुए. इस दौरान उन्होंने इस बात का खुलासा किया. पूर्व जज दावा किया कि खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी को जमानत पर छोड़ने के लिए उन्हें 40 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी.

लेकिन बी नागा मारुति शर्मा जो वर्तमान में हैदराबाद में सीबीआई की दूसरी विशेष अतिरिक्त अदालत के प्रमुख हैं ने पेशकश को ठुकरा दिया. लेकिन सर्मा की जगह लेने वाले जज टी पट्टाभी रामा राव और हाईकोर्ट के एक न्यायिक अधिकारी खनन कारोबारी को जमानत देने के लिए घूस लेने के आरोप में फंस गए थे. पट्टाभि रामाराव ने रेड्डी को जमानत दे दी थी. बाद में कथित रूप से रिश्वत स्वीकार करते हुए सीबीआई और एसीबी अधिकारियों ने एक संयुक्त अभियान में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. जुलाई, 2012 में एसीबी अधिकारियों ने लक्ष्मी नरसिम्हा राव को भी गिरफ्तार किया था.

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इस मामले में यह बात सामने आई कि अप्रैल 2012 में इस कथित घूस देने का ऑफर तत्कालीन आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के लक्ष्मी नरसिम्हा राव ने जनार्दन रेड्डी के लोगों के कहने पर दिया.

बता दें कि सीबीआई (CBI) ने सितंबर 2011 में अवैध खनन के आरोप में जनार्दन रेड्डी को गिरफ्तार किया था. जब वो न्यायिक हिरासत में था तब जमानत के लिए घूस की पेशकश की गई थी.

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इस मामले में शर्मा ने बताया कि जैसे ही ये प्रस्ताव मेरे सामने आया, मैंने उसे तुरंत खारिज कर दिया और रजिस्ट्रार के लक्ष्मी नरसिम्हा राव के घर से निकल गया. इसके साथ ही उन्होंने रेड्डी की जमानत याचिका खारिज कर दिया. अब यह मामला ट्रायल स्टेज पर पहुंच गया है. मामले की सुनवाई कर रहा एसीबी स्पेशल कोर्ट हैदराबाद ने अगली सुनवाई की तारीख अब 13 सितंबर तय की है.