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यातायात नियम का उल्लंघन करने वालों पर चालान के साथ चलेगा IPC के तहत मुकदमा

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सड़कों पर होने वाले अपराध के मामलों में मोटर वाहन अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता के तहत भी मुकदमा चलाया जा सकता है.

Updated on: 06 Oct 2019, 09:23 AM

नई दिल्ली:

सड़कों पर लापरवाही से ड्राइविंग के चलते बढ़ती दुर्घटनाओं को रेखांकित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सड़कों पर होने वाले अपराध के मामलों में मोटर वाहन अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता के तहत भी मुकदमा चलाया जा सकता है. आईपीसी के तहत मोटर वाहन दुर्घटनाओं के दोषियों की सजा, मोटर वाहन अधिनियम की तुलना में किए गए अपराध से ज्यादा कठोर और सामानुपातिक है.

न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, "अदालत ने समय-समय पर मोटर वाहन दुर्घटनाओं के जिम्मेदार दोषियों को सख्त सजा देने के प्रावधान की जरूरत पर जोर दिया है. वाहनों की तेजी से बढ़ती संख्या की वजह से सड़क दुर्घटना में घायलों और मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है."

शीर्ष अदालत ने यह फैसला गुवाहाटी उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज करते हुए सुनाया, जिसमें अदालत ने असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश को उनके अधीनस्थ अधिकारियों को मोटर वाहन दुर्घटनाओं के दोषियों के खिलाफ आईपीसी के तहत नहीं, बल्कि केवल मुकदमा चलाने का आदेश दिया था.

शीर्ष अदालत ने कहा, "इस तरह की व्याख्या की वजह से दोषी अपने अपराध के लिए मुकदमा का सामना किए बिना केवल जुर्माने देकर निकल जाएगा. अपने प्रियजनों को खोने या उनके अक्षम होने पर हुई वित्तीय, भावानात्मक हानि की मात्रा निर्धारित नहीं की जा सकती."