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CAA पर बोले श्री श्री रविशंकर, तमिल शरणार्थियों को भी मिलनी चाहिए नागरिकता और...

श्री श्री रविशंकर ने कहा कि मैं सभी से अपील करना चाहूंगा कि वे जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना शांतिपूर्वक तरीके से अपनी चिंताओं को सामने रखें.'

Updated on: 15 Dec 2019, 04:38 PM

highlights

  • नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध प्रदर्शन जारी
  • श्री श्री रविशंकर ने कहा शांति से विरोध प्रदर्शन करें लोग
  • श्री श्री रविशंकर ने कहा श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों को भी मिलनी चाहिए नागरिकता

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (citizenship amendment act) को लेकर पूरे देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही वो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बाज भी नहीं आ रहे हैं. इस बीच श्री श्री रविशंकर का बयान सामने आया है. उन्होंने लोगों को शांति से विरोध दर्ज कराने की बात कही है.

पत्रकारों से बातचीत में श्री श्री रविशंकर ने कहा, 'मैं सभी से अपील करना चाहूंगा कि वे जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना शांतिपूर्वक तरीके से अपनी चिंताओं को सामने रखें.'

इसी के साथ रविशंकर प्रसाद ने यह भी मांग की है कि श्रीलंकन तमिल शरणार्थियों को भी नागरिकता मिली चाहिए.

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर राज्य समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लोग इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सड़क पर उतरकर लोग हंगामा कर रहे हैं. रेल रोक रहे हैं. जिसकी वजह से आम जनजीवन बाधित हो रहा है. सबसे ज्यादा इस बिल का विरोध असम में किया जा रहा है.

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असम में भारी विरोध को देखते हुए हज़ारों की तादाद में सैनिकों को तैनात किया गया है. कर्फ़्यू लगाया गया है, इंटरनेट की सेवाएं निलंबित की गई हैं.

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बता दें कि नागरिकता कानून के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. इन देशों से जो भी धार्मिक उत्पीड़न के शिकार होकर भारत में शरण लेंगे उन्हें नागरिकता प्रदान की जाएगी. हिंदू, सिख, पारसी, जैन और ईसाई को इस कानून के तहत नागरिकता मिलेगी. लेकिन मुस्लिम को नागरिकता नहीं दी जाएगी. पहले भारत की नागरिकता लेने की समयसीमा 11 साल थी, जिसे संशोधित कानून में 6 साल कर दिया गया है.