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तब्लीग़ी जमात के लोगों की बदतमीजी पर गोली मारी जानी चाहिए : राज ठाकरे

तब्लीग़ी जमात के लोगों की बदतमीजी पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राज ठाकरे ने कहा- मैने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस बारे में बात की है.

Updated on: 04 Apr 2020, 12:02 PM

मुंबई:

तब्लीग़ी जमात (Tablighi Jammat) के लोगों की बदतमीजी पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राज ठाकरे ने कहा- मैने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Udhav Thackeray) से इस बारे में बात की है और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. राज ठाकरे ने कहा, मरकज में शामिल ऐसे लोगों की बदतमीजी बर्दाश्त करने के काबिल नहीं है. इसलिए इनका इलाज करने की जरूरत नहीं है, बल्कि इन्हे गोली मार देनी चाहिए.

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थूक लगाकर वायरस फैलाने की कोशिश को लेकर राज ठाकरे बोले, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे घटिया काम करने वाले ध्यान रखें, लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद हम भी हैं.

इससे पहले निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) में हजारों विदेशी इस्लामिक प्रचारकों (Islamic Preachers) के होने की बात छिपा कर तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) ने घिनोना षड्यंत्र रचा. उसके बाद सरकारी दबाव के बाद सामने आए जमात के सदस्य अब अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी अपनी घिनौनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में भर्ती जमाती लगातार अस्पताल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं. इतना ही नहीं ये लोग नर्सों (Nurse) के सामने ही कपड़े बदलने के लिए कपड़े खोल देते हैं. अब जिला प्रशासन इन लोगों को जेल की बैरक में बंद करने पर विचार कर रहा है.

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उधर यह भी खबर है कि दिल्ली के तबलीगी मरकज (Tablighi Markaz) में शामिल 10 लोग क्वारंटाइन (Quarantine) से फरार हो गए हैं. वे सभी पुणे की एक मस्जिद में क्वारंटाइन में रखे गए थे. सूचना मिलने पर पुणे पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है. ये सभी 10 लोग 23 फरवरी को दिल्ली से पुणे आए थे और 6 मार्च तक पुणे में ही थे. 6 मार्च को यह सभी शिरुर इलाके के एक मस्जिद में शिफ्ट हुए थे. 1 अप्रैल को इन सभी के हाथों पर होम क्वारंटाइन के स्टैम्प मारे गए थे, लेकिन उसी रात ये सभी फरार हो गए.

पुलिस को शक हैं कि दवा ले जाने वाली गाड़ी में सवार होकर यह सभी फरार हो गए. पुलिस इनके मोबाइल लोकेशन के जरिये ट्रेस करने की कोशिश कर रही है. निजामुद्दीन मरकज की घटना के बाद जो लिस्ट दी गई थी, उनमें इनका नाम नहीं हैं लेकिन पुलिस की जांच में इन सभी के तबलीगी से संबंध हैं, इसके सबूत मिले हैं.