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बैंक घोटाला मामले में शरद पवार की बढ़ी मुश्किल, बंबई हाईकोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने के दिए आदेश

बंबई हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक में 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार समेत 70 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

Updated on: 22 Aug 2019, 09:53 PM

नई दिल्ली:

बंबई हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक में 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, पूर्व उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार समेत 70 अन्य लोगों के खिलाफ पांच दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस एसके शिंदे की बेंच ने प्रथमदृष्टया साक्ष्यों के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के अधिकारियों को संबंधित कानून के तहत कार्रवाई करने को कहा.

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मुंबई के एक कार्यकर्ता सुरिंदर एम. अरोड़ा द्वारा दाखिल पीआईएल (जनहित याचिका) में दोनों पवार के अलावा, एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल समेत कई जानेमाने नेताओं, सरकारी और बैंक अधिकारियों का नाम हैं. इन पर राज्य के शीर्ष सहकारी बैंक को 2007 से 2011 के बीच 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है.

इससे पहले महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट के तहत एक अर्ध न्यायिक जांच समिति ने इस मामले में पवार और अन्य को जिम्मेदार ठहराया था. नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रुरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने भी एमएससीबी की जांच की थी, जिसमें खुलासा हुआ था कि चीनी मिलों और कपास मिलों को बैंकिंग और भारतीय रिजर्व बैंक के कई नियमों की धज्जियां उड़ाकर अंधाधुंध तरीके से कर्ज बांटे गए, जिन्हें लौटाया नहीं गया.

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अरोड़ा द्वारा जांच के नतीजे और शिकायतों को दाखिल करने के बावजूद इस मामले में किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.