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बूचड़खानों के लिए पशुओं की बिक्री पर बैन के फैसले पर रोक, मद्रास हाई कोर्ट ने 4 हफ्तों के भीतर मांगा जवाब

बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त पर केंद्र सरकार के रोक लगाए जाने की अधिसूचना पर मद्रास हाई कोर्ट के मदुरै बेंच ने चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी है।

Updated on: 30 May 2017, 11:34 PM

highlights

  • बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त पर केंद्र की अधिसूचना पर मद्रास हाई कोर्ट के मदुरै बेंच ने रोक लगा दी है
  • जस्टिस एम वी मुरलीधरन और जस्टिस टी कार्तिकेयन की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते फैसले पर रोक लगा दी

New Delhi:

बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त पर केंद्र सरकार के रोक लगाए जाने की अधिसूचना पर मद्रास हाई कोर्ट के मदुरै बेंच ने चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी है।

केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ देश भर में विरोध हो रहा था। जस्टिस एम वी मुरलीधरन और जस्टिस टी कार्तिकेयन की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के 23 मई की अधिसूचना पर रोक लगा दी है।

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याचिका में कहा गया था कि खाने का अधिकार किसी व्यक्ति का निजी अधिकार है और इसमें दखल नहीं दिया जा सकता। हालांकि पीआईएल का विरोध करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि संबंधित अधिसूचना का मकसद केवल पशु बाजार को नियंत्रित करने के मकसद के लाया गया था।

मदुरै पीठ ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है।

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