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उद्धव ने राम मंदिर को बताया बीजेपी का जुमला, राम माधव का जवाब- कांग्रेस अटका रही रोड़े

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के राम मंदिर निर्माण को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का जुमला करार दिए जाने पर पार्टी महासचिव राम माधव ने पटलवार किया है.

Updated on: 13 Jan 2019, 05:04 PM

नई दिल्ली:

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के राम मंदिर निर्माण को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का जुमला करार दिए जाने पर पार्टी महासचिव राम माधव ने पटलवार किया है. राम माधव ने कहा, 'हम कई बार राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता जता चुके हैं. हमारी सरकार हर वो कानूनी उपाय कर रही है जिससे जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू हो सके लेकिन कांग्रेस हर बार इस न्यायिक प्रक्रिया में रोड़े अटका देती है.' खासबात यह है कि पीएम मोदी इस साल की शुरुआत में ही यह साफ कर चुके हैं कि जब राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक इस पर सरकार कोई अध्यादेश नहीं लाएगी.

राम मंदिर भी बीजेपी का जुमला: उद्धव

गौरतलब है कि मुंबई के वर्ली इलाके में एक सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ' जैसे 15 लाख खातों में आएंगे, केवल एक जुमला था वैसे ही अब राम मंदिर भी एक जुमला है. जब हम अयोध्या गए थे, तो लोगों ने कहा- यह तो बाला साहेब का लड़का आया है, यह तो राम मंदिर बनाकर ही जाएगा. यदि आप इस मुद्दे को भी एक जुमला बना रहे हैं, तो आप पर लोग कैसे भरोसा कर सकते हैं.'

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राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस के रोड़े अटकाने के बीजेपी के आरोप पर शिवसेना प्रमुख ने कहा, 'वे कहते हैं कि जब भी राम मंदिर का मुद्दा उठाओ, तो कांग्रेस बीच में आ जाती है. लोगों ने कांग्रेस को सजा देते हुए आपको बहुमत दिया, लेकिन राम मंदिर तो अभी भी नहीं बना.

अयोध्या राम मंदिर मसले को लेकर भी उद्धव ने भाजपा का घेराव किया. उन्होंने कहा, 'वे कहते हैं कि जब भी राम मंदिर का मुद्दा उठाओ, तो कांग्रेस बीच में आ जाती है. लोगों ने कांग्रेस को सजा देते हुए आपको बहुमत दिया, लेकिन राम मंदिर तो अभी भी नहीं बना'.

किसी और धर्म में भगवान की जाति बताते तो होता बवाल: उद्धव

गौरतलब है कि इसी रैली में योगी आदित्यनाथ समेत हनुमान जी की जाति बताने पर भी उद्धव ठाकरे ने निशाना साधा है. ठाकरे ने कहा, हनुमान जी की जाति पर चर्चा क्यों हो रही है? 'दूसरे धर्मों पर ऐस चर्चा करते तो बवाल हो जाता है लेकिन हनुमान जी की जाति पर चर्चा हो रही है. यह बेहद दुखद है.'

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गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव को सामने देखते हुए कई हिंदू संगठनों, आरएसएस और ऋषि-मुनियों के संगठन ने इसके लिए मोदी सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था और कहा था कि अगर कोर्ट से फैसला नहीं आता तो सरकार को इसके लिए अध्यादेश लाना चाहिए.