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राम मंदिर के लिए बीजेपी का अध्यादेश अभियान असंवैधानिक: सीपीएम

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की उत्तर प्रदेश इकाई ने अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई जनवरी में किए जाने के उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के निर्णय को लेकर उत्पन्न किए जा रहे विवाद पर गंभीर चिंता जाहिर की है.

Updated on: 07 Nov 2018, 07:03 AM

नई दिल्ली:

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की उत्तर प्रदेश इकाई ने अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई जनवरी में किए जाने के उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के निर्णय को लेकर उत्पन्न किए जा रहे विवाद पर गंभीर चिंता जाहिर की है. पार्टी ने कहा कि इस संदर्भ में बीजेपी की केंद्र सरकार और यूपी सरकार के मंत्री, बीजेपी व आरएसएस के नेता उकसावे और धमकी भरे बयान दे रहे हैं.

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सीपीएम का कहना है कि बीजेपी ने आधिकारिक रूप से कहा था कि वह अयोध्या मामले में न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेगी. लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब वह उल्टी पोजीशन ले रही है. बावजूद इसके कि मामला न्यायालय में है, आरएसएस के नेतृत्व में मंदिर निर्माण के लिए संसद में अध्यादेश लाने की मांग को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. यह असंवैधानिक है, अवैध है.

सीपीएम ने एक बयान जारी कर कहा कि वैसे भी बीजेपी, आरएसएस का न्यायालय तथा संविधान को न मानने का इतिहास रहा है, जिसे वे दोहराना चाहते हैं. ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं, जिससे देश में सांप्रदायिकता का जहर फैले और भाईचारा, शांति और एकता तार-तार हो जाए और इसका फायदा बीजेपी को तीन राज्यों के चुनाव व अगले लोकसभा चुनाव में मिल जाए.

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सीपीएम ने कहा कि हर मोर्चे पर हर तरह से विफल हो चुकी बीजेपी सरकार आम जनता के असंतोष से घबराई हुई है. बीजेपी अब दंगा, फसाद, खून-खराबे के जरिये सत्ता में वापसी चाहती है.