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पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर बयान देकर ट्रोल हो रही है बीजेपी, जाने कैसे-कैसे कमेंट

तेल के दामों में बढ़ोतरी का सच नाम से जारी किए गए इस चार्ट में बताया गया है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रतिशत बढ़ोतरी 2004 से लेकर अब तक सबसे कम है।

Updated on: 11 Sep 2018, 11:21 AM

नई दिल्ली:

पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही लागातार बढ़ोतरी से देश का नागरिक परेशान है, विपक्ष सड़क पर है लेकिन सरकार इसे नाकामी मानने को तैयार नहीं। सोमवार को जब देश में बंदी चल रही थी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाक़ात कर रहे थे वहीं बीजेपी के ट्विटर हैंडल से एक पाई चार्ट जारी किया। तेल के दामों में बढ़ोतरी का सच नाम से जारी किए गए इस चार्ट में बताया गया है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रतिशत बढ़ोतरी 2004 से लेकर अब तक सबसे कम है। यूपीए सरकार में कच्चे तेल की कीमतों के मुकाबले पेट्रोल-डीजल महंगा था, जबकि बीजेपी के राज में कच्चे तेल के भाव ज्यादा हैं फिर भी पेट्रोल-डीजल के दाम नियंत्रित हैं।

हालांकि इसके जवाब में कांग्रेस ने भी पाई चार्ट ट्वीट किया है। कांग्रेस के ट्वीट में बताया गया है कि 16 मई 2009 से लेकर 16 मई 2014 के बीच जब पेट्रोल की कीमत 40.62 रुपये से बढ़कर 71.41 रुपये हुई, उस दौरान कच्चे तेल की कीमत में 84 फीसदी का इजाफा हुआ। वही मोदी सरकार में 16 मई 2014 से 10 सितंबर 2018 के बीच कच्चे तेल के दाम 34 फीसदी घटकर 107 डॉलर प्रति बैरल से 71 डॉलर प्रति बैरल हो गया। इसके बावजूद भी पेट्रोल का दाम 71 रुपये से बढ़कर 80 के पार पहुंच गया है।

बीजेपी के ट्वीट पर आम लोग भी काफी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं। अमित मिश्रा नाम से एक व्यक्ति ने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि बीजेपी सरकार को चुनना उनकी भूल थी अब वो दोबारा यह भूल नहीं करेंगे।

वहीं विश्वजीत कुमार नाम से एक व्यक्ति ने ट्वीटर हैंडल पर रेट की तुलना करते हुए लिखा कि 72.83 का ग्राफ 56.71 से छोटा कैसे हो गया कोई समझएगा।

शेखर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि पढ़े-लिखे लोगों को भाजपा में भर्ती कीजिए, अनपढ़ लोगों को मत दो पार्टी चलाने।

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नीतिश ने ट्वीट कर कहा है कि 33 से बढ़ कर 40 हुआ फिर और बढ़कर 71 हुआ फिर घटकर 80 हो गया