logo-image

जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के 50 दिन का रखा रिपोर्ट कार्ड, बोले- इन दिनों में कई अहम फैसले हुए हैं

बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के 50 दिन पर प्रेसवार्ता की है.

Updated on: 26 Jul 2019, 04:26 PM

नई दिल्ली:

बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के 50 दिन पर प्रेसवार्ता की है. उन्होंने कहा, मोदी सरकार के 50 दिन स्वर्णिम रहे हैं. इन दिनों में जल से चंद्र तक के फैसले हुए हैं. मोदी सरकार ने 50 दिन का रिपोर्ट कार्ड रखा है. उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले पचास दिनों में जो फैसले लिए हैं, वो भविष्य के लिए अच्छे संकेत दे रहे हैं. पिछले 50 दिन में जो फैसले हुए हैं वो पिछले 50 वर्षों में हुए फैसलों कहीं बेहतर हैं, जो देश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे.

यह भी पढ़ेंः सलमान खान जैसी बॉडी पर हड्डियाें में दम नहीं, जिम जाने वाले युवाओं की हड्डियां गला रहा यह पाउडर

जेपी नड्डा ने आगे कहा, जल से लेकर चांद तक किए फैसले गए और गांव, गरीब, किसान, मजदूर, व्यवसायी, छोटे दुकानदार जो लंबे समय तक वंचित रहे उनको मुख्य धारा में शामिल करते हुए कैसे हम देश को आगे ले जा सकते हैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार समर्पित रही है. 2024 तक सभी घरों को साफ पीने का पानी पहुंचाने का फैसला किया गया है. उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए 1.25 लाख किमी सड़कें बनाने का निश्चय किया गया है.

बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, छोटे दुकानदार जिनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ होगा. उन्हें प्रधानमंत्री मानधन योजना से जोड़ा जाएगा. इस फैसले से करीब 3 करोड़ छोटे कारोबारियों को लाभ मिलने वाला है. 5 साल में देश की इकोनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसमें एक लाख करोड़ का इनवेस्टमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में किया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः अहमदाबादः बहुमंजिला आवासीय इमारत में लगी आग, 2 की हालात गंभीर

जेपी नड्डा ने आगे कहा, भारत सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे कई आईआरएस अधिकारियों को समय से पहले रिटायर किया है. ये मोदी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दिखाता है. लोकसभा और राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी में काफी बढ़ावा हो रहा है. ये राजनीतिक इच्छा शक्ति के कारण ही संभव हो रहा है. 50 दिन की अवधि बहुत छोटी होती है, लेकिन हमारे मोमेंटम का अंदाज लगाया जा सकता है. कर्नाटक की सरकार अपने कारणों से गई है. उसके बाद यदियुरप्पा आगे बढ़े हैं.