भाजपा को नीतीश की ‘‘कुछ कमजोरियां’’ पता है , इसलिए उन्हें अपनी धुन पर नचा रही : गोहिल
दिल्ली का जनादेश भाजपा के चेहरे पर तमाचा है जो लोगों के दैनिक मुद्दों को पीछे ढकेल गैर जरूरी मुद्दों जैसे शाहीनबाग और पाकिस्तान पर चुनाव अभियान को केंद्रित कर रही थी.
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि उसे आभास है कि भाजपा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुछ कमजोरियों को जानती है और इसी का लाभ उठाकर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और आरक्षण मूल अधिकार विषय को लेकर बहस पर जदयू प्रमुख को अपनी धुन पर नचा रही है. कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह विवादित टिप्पणी की. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी यह टिप्पणी केन्द्र के दो शीर्ष नेताओं के काम करने के तरीके के बारे में उनकी जानकारी पर आधारित है.
गोहिल का इशारा संभवत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ था. गोहिल ने कहा, अगर मुझे उस कमजोरी की सटीक जानकारी होती तो मैं उसकी घोषणा नयी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में ही कर देता लेकिन मैं गुजरात निवासी हूं और दोनों सज्जन कैसे काम करते हैं यह मैं जानता हूं. उन्होंने कहा, वे अपने हितों के खिलाफ कार्य करने वाले या बोलने वालों पर टूट पड़ते हैं. यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा मुकदमों, परिवार से जुड़ें कुछ मिथ्या लांछन या किसी विवादित सीडी के रूप में हो सकता है. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के नेता हालांकि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा तेजस्वी यादव को पांच दलों के महागठबंधन का चेहरा बनाने की एकतरफा घोषणा पर कुछ दलों में नाराजगी के सवालों के जवाब देने से बचते नजर आए.
यह भी पढ़ें-अदालत ने पुलिस को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी शर्जिल इमाम के आवाज का नमूना लेने की इजाजत दी
गोहिल ने कहा, राजद हमारा पुराना भरोसेमंद सहयोगी है. हमारे गठबंधन में कोई समस्या नहीं है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन और एक भी सीट नहीं जीत पाने के सवाल पर गोहिल ने कहा, हमने पूरी ताकत से चुनाव लड़ा लेकिन जनता भाजपा को सबक सिखाने के मूड में थी और उसे डर था कि मतों के विभाजन से भाजपा को फायदा होगा. उन्होंने कहा, दिल्ली का जनादेश भाजपा के चेहरे पर तमाचा है जो लोगों के दैनिक मुद्दों को पीछे ढकेल गैर जरूरी मुद्दों जैसे शाहीनबाग और पाकिस्तान पर चुनाव अभियान को केंद्रित कर रही थी.
यह भी पढ़ें-चुनावों में हार के बाद न तो इस्तीफे की पेशकश की, न इस्तीफा मांगा गया : मनोज तिवारी
गोहिल ने आरक्षण पर चल रहे विवाद के लिए भाजपा-संघ के नजरिये को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र को चुनौती दी कि वह उच्चतम न्यायालय में पुनरीक्षा याचिका दाखिल करे. उन्होंने कहा कि फैसला उत्तराखंड की भाजपा सरकार के जवाब पर आधारित है. उन्होंने कहा, जिम्मेदारी से बचने के लिए केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने संसद को यह कहकर गुमराह किया कि उच्चराखंड सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की परंपरा का अनुपालन किया. हमारी पार्टी उच्चतम न्यायालय के आदेश को चुनौती देगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य