logo-image

राफेल डील की जांच पर SC का फैसला आते ही घिर गए राहुल गांधी, BJP के बड़े नेताओं ने ऐसे बोला हमला

सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद बीजेपी पूरी तरह कांग्रेस पर हमलावार हो गई. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्लमा सीतारमण समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को राफेल डील पर झूठा आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगने को कहा.

Updated on: 15 Dec 2018, 06:25 AM

नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय(Supreme court) ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद बीजेपी पूरी तरह कांग्रेस पर हमलावार हो गई. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्लमा सीतारमण समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को राफेल डील पर झूठा आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगने को कहा.

और पढ़ें : राफेल पर राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना, कहा- चौकीदार चोर है, अंबानी का दोस्त है

कोर्ट का फैसला कांग्रेस के चेहरे पर चांटा: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को अपनी सूचना का आधार बताना चाहिए. आखिर जनता को पता होना चाहिए कि राहुल गांधी किस बात को आधार बनाकर राफेल डील पर सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्‍हें डील के बारे में सूचनाएं कौन दे रहा था? उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बी टीम कोर्ट में केस लड़ रही थी, क्‍योंकि केस में दम नहीं था, इसलिए राहुल गांधी सामने नहीं आए. अगर उनके आरोप सही हैं तो उन्‍होंने याचिका क्‍यों नहीं दायर की थी. जेपीसी जांच की मांग पर अमित शाह बोले, हम सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं. जितना समय कांग्रेस चाहेगी, उतना समय तय किया जाए. जेपीसी सदन में चर्चा के बाद ही बनेगी. इसके साथ ही अमित शाह ने राहुल गांधी से पूछा, आखिर 2007-14 तक यह डील क्यों नहीं हुई. सारे के सारे प्लेन फ्रांस से बनकर आने हैं. यहां पर कोई विमान नहीं बन रहा है. 2001 में यह प्रक्रिया शुरू हुई थी. 2003-14 तक कांग्रेस की सरकार थी, राहुल गांधी को बताना चाहिए यह सौदा तब क्यों नहीं हुआ? कांग्रेस सरकार ने हमेशा सौदे में बिचौलियों के लिए जगह रखी. मोदी सरकार ने सरकार से सरकार की बात की और किसी बिचौलिए के लिए कोई जगह नहीं रखी. कोर्ट का फैसला कांग्रेस के चेहरे पर चांटा है. कोर्ट ने कहा कि इस में किसी को भी आर्थिक फायदा नहीं पहुंचाया गया है.

क्या राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हैं: रविशंकर प्रसाद 
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि क्या राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट से उपर हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सबसे बड़ी समस्या है उनका अंहकार, विरासत के प्रति अपना दंभ और संस्था का सम्मान नहीं करना. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले डेढ साल से राहुल गांधी रेत से झूठ का किला बना रहे थे. कोर्ट के निर्णय ने उनके झूठ को बेनकाब कर दिया. कोर्ट के निर्णय के आने के बाद यह उम्मीद थी कि वो इस फैसले को स्वीकार करते. लेकिन उनका अहंकार आड़े आ गया.

रविशंकर ने यह बयान राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ.

सुप्रीम कोर्ट ने उठाया सच्चाई से पर्दा : धर्मेंद्र प्रधान 
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत के लिए आज अच्छा काम किया है. कांग्रेस अपनी हार को छिपाने के लिए राफेल डील का मुद्दा उठा रही थी. इसमें कोई सच्चाई नहीं थी जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने भी साबित कर दिया. अगर कांग्रेस और उसके अध्यक्ष में नैतिकता है तो देश से माफी मांगनी चाहिए.

अरुण जेटली और निर्मला सीतारमण भी बरसे
राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी राहुल गांधी पर वार किया. अरुण जेटली ने कहा, 'झूठ का जीवन बहुत छोटा होता है. सच और झूठ में बुनियादी फर्क होता है.'

वित्त मंत्री ने कहा कि राफेल डील ने देश के सुरक्षा एवं वाणिज्यिक हित दोनों की सुरक्षा की. उन्होंने कहा, 'सुरक्षा हित इसलिए सुरक्षित हुए क्योंकि इसने भारत की मारक क्षमता बढ़ाई और वाणिज्यिक हित इसलिए कि इसकी अंतिम लागत 2007 और 2012 की कीमत से कम है. इसके साथ ही राफेल सौदे की जांच संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) से कराने की विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि पार्टियों ने इस मामले में आरोप लगाए हैं तो जेपीसी में शामिल पार्टी के लोग निष्पक्ष कैसे रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों की न्यायिक जांच ही हो सकती है.

वहीं, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह फैसला (सुप्रीम कोर्ट) केंद्र सरकार की जीत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल डील में हर चीज का ध्यान रखा गया.

इसे भी पढ़ें : 17 दिसंबर को अशोक गहलोत का शपथ ग्रहण समारोह, राहुल गांधी भी होंगे शामिल

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस का झूठ बेनकाब हुआ : सीएम योगी

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राफेल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. देश की सुरक्षा के साथ झूठ बोलकर कांग्रेस ने जो षड्यंत्र किया है. निहित स्वार्थों के लिए साजिश करने वाले राहुल गांधी माफी मांगे. उन्होंने कहा कि ये डील दो सरकारों के बीच हुई थी. कांग्रेस के वक्त रक्षा सौदों में घोटाले होते रहे हैं और कांग्रेस उसकी आदि बन चुकी थी.

मोदी सरकार ने पारदर्शी तरीके से राफेल डील किया : रावत

वहीं, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पर वार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से रक्षा सौदों में बिचौलियों को प्राथमिकता दी है, जबकि मोदी सरकार ने पारदर्शी तरीके से राफेल मामले पर दो सरकारों के बीच सौदा किया है. राफेल डील पर संसद में चर्चा के लिए मोदी सरकार तैयार है, लेकिन कांग्रेस इससे पीछे हट रही है.

राहुल इस फैसले से सीख लें और देश को बदनाम करने वाले अपने बचकाने बयान न: शिवराज सिंह
वहीं, मध्य प्रदेश के कार्यवाहक सीएम शिवराज सिंह ने राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने तिल का पहाड़ बनाया उनको जनता कभी माफ नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उससे सच्चाई उजागर हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश को गुमराह किया है. राहुल इस फैसले से सीख लें और देश को बदनाम करने वाले अपने बचकाने बयान न दे. इसके साथ ही वो देश की जनता से माफी मांगे.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भुगतना होगा परिणाम : रमन सिंह
वहीं, छत्तीसगढ़ में हार का दंश झेल रहे रमन सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मुद्दे को लेकर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है. कांग्रेस केंद्र सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही है. राहुल गांधी के पास कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि अनर्गल आरोप लगाने का कांग्रेस प्रयास करती रहती है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद जनता का विश्वास कांग्रेस से उठ गया है, जिसका नतीजा लोकसभा चुनाव में उन्हें भुगतना होगा.