बालाकोट एयरस्ट्राइक पर बड़ा खुलासा, अब भी अस्पताल में हैं 45 आतंकी
26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए Air Strike को लेकर इटली के एक पत्रकार ने बड़ा खुलासा किया है.
highlights
- कई हफ्तों में छानबीन कर अपने सोर्स के माध्यम से जानकारी जुटाई
- हमले की योजना बनाने में 200 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा था
- इलाज के दौरान 20 आंतकियों की मौत हो चुकी है
नई दिल्ली:
26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए Air Strike को लेकर इटली के एक पत्रकार ने बड़ा खुलासा किया है. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले के 13 दिन बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल आज भी इस पर सवाल उठा रहे हैं. पाकिस्तान शुरू से कह रहा है कि वहां सिर्फ 3 कौवे मरे थे और कुछ पेड़ गिरे थे. हालांकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया था कि 350 से अधिक आतंकी हमले में मारे गए थे.
इस बीच इटली की एक पत्रकार फ्रेंसेसा मैरिनो ने STRINGERASIA.IT में इस घटना का पूरा विवरण छापकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. मैरिनो ने लिखा है कि 'भारतीय वायु सेना ने तड़के साढ़े तीन बजे हमला किया. मेरी सूचना के मुताबिक, शिंकयारी आर्मी कैंप से सेना की एक टुकड़ी घटनास्थल पर पहुंची.' फ्रेंसेसा मैरिनो के मुताबिक 170 आतंकी मारे गए थे.
मैरिनो विस्तार से बताते हैं, 'सेना की टुकड़ी हमले के दिन सुबह 6 बजे घटनास्थल पर पहुंची. शिंकयारी बालाकोट से 20 किलोमीटर दूर है और यह पाकिस्तान आर्मी का बेस कैंप और पाकिस्तानी सेना की जूनियर लीडर्स एकेडमी भी है. आर्मी की टुकड़ी के बालाकोट पहुंचते ही वहां से कई जख्मी लोगों को पाकिस्तान आर्मी के अस्पताल पहुंचाया गया. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक आर्मी कैंप के अस्पताल में अभी भी 45 लोगों का इलाज चल रहा है. इलाज के दौरान 20 लोगों की मौत हो चुकी है.'
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मैरिनो ने बताया कि 'इलाज के बाद जो लोग ठीक हो गए हैं उन्हें पाकिस्तान आर्मी ने अपनी कस्टडी में रखा है और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया है. कई हफ्तों में छानबीन कर अपने सोर्स के माध्यम से जो जानकारी मैंने जुटाई है, उसके मुताबिक कहा जा सकता है कि हमले में जैश-ए-मोहम्मद के कई कैडर मारे गए हैं. मृतकों की संख्या 130-170 तक हो सकती है. इसमें वे लोग भी हैं जिनकी मौत इलाज के दौरान हुई है.'
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मैरिनो ने आगे बताया, 'जो कैडर (आतंकी) मारे गए उनमें 11 ट्रेनर भी हैं. मृतकों में कुछ बम बनाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने वाले भी लोग हैं. जिन परिवारों के लोग इस हमले में मारे गए, उनकी ओर से कोई जानकारी बाहर लीक न हो, इसके लिए भी जैश ए मोहम्मद ने पूरे बंदोबस्त किए. मृतकों के घर जाकर जैश के आतंकियों ने मुआवजा तक दिया.'
बता दें जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में स्थित जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर भारतीय वायुसेना की ओर से किए गए हमले की योजना बनाने में 200 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा था. भारत में किसी भी जगह पर दूसरे फिदायीन हमले से जुड़ी खुफिया जानकारी के बाद इस हमले की योजना शुरू हुई थी.
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