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मोदी सरकार का बड़ा फैसला- पूर्व PM के परिवारों को नहीं मिलेगी SPG सुरक्षा, संशोधित होगा कानून

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक पहले ही इन संशोधनों को हरी झंडी दे चुकी है.

Updated on: 22 Nov 2019, 11:10 PM

नई दिल्‍ली:

केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इसके मुताबिक अब भविष्य में किसी पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को एसपीजी की सुरक्षा नहीं मिलेगी. मोदी सरकार इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने जा रही है, इस सिलसिले में संसद के मौजूदा सत्र के दौरान ही अगले सप्ताह तक एसपीजी कानून में संशोधन का विधेयक पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक पहले ही इन संशोधनों को हरी झंडी दे चुकी है. आपको बता दें कि फिलहाल सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है.

गांधी परिवार से भी हटाई गई एसपीजी सुरक्षा
यहां पर आपको बताते चले कि दो सप्ताह पहले गांधी परिवार की भी एसपीजी सुरक्षा केंद्र सरकार ने हटा ली है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को साल 1991 से लगातार अब तक एसपीजी सुरक्षा दी गई थी. मोदी सरकार ने दो सप्ताह पहले गांधी परिवार से यह सुरक्षा हटा ली है. गांधी परिवार को अब एसपीजी सुरक्षा की जगह सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा दी गई है. कांग्रेस लगातार मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है और इसे राजनीति से प्रेरित बता रही है.

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संसद में पेश होगा SPG कानून में संशोधन का विधेयक
शुक्रवार को संसद में संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया है कि एसपीजी कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक अगले हफ्ते की सदन की कार्यवाही की सूची में शामिल किया गया है. नए संशोधन के मुताबिक अब देश के पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा देने के प्रावधान को हटा दिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो एसपीजी कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बाद तक या फिर खतरे के आंकलन के आधार पर एसपीजी सुरक्षा देने के प्रावधान में परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

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गांधी परिवार से सुरक्षा हटाए जाने के बाद लाया जा रहा संशोधन
आपको बता दें कि एसपीजी कानून में संशोधन का फैसला गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने के तत्काल बाद आया है. उस समय सरकार की ओर से साफ किया गया था कि पिछले महीने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर खतरे का सालाना आकलन किया गया था, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने पाया कि इन तीनों पर खतरे की आशंका पहले की अपेक्षाकृत अब कम हुई है और उनकी सुरक्षा एसपीजी के बजाय किसी दूसरी एजेंसी की सुरक्षा देकर काम चलाया जा सकता है. जिसके आधार पर गृहमंत्रालय ने गांधी परिवार के तीनों सदस्यों को एसपीजी की जगह सीआरपीएफ की जेड प्लस सिक्यूरिटी उपलब्ध कराने का फैसला किया गया.