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उत्तर प्रदेश के सिल्ली गांव में हादसा, बादल फटने से 4 घर जमींदोज

जब वहां के स्थानीय लोगों से इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह हादसा रात के लगभग 11 बजे हुआ था.

Updated on: 11 Aug 2019, 11:40 PM

highlights

  • सिल्ली गांव में बादल फटने से 4 घर जमींदोज
  • पलक झपकते ही 4 घर तबाह
  •  किसी के हताहत होने की खबर नहीं लेकिन मवेशी मरे

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के सिल्ली गांव में बादल फट जाने के चलते 4 घर तबाह हो गए. न्यूजस्टेट संवाददाता जब वहां का मुआयना किया तो चारो घर एकदम पूरी तरह से तबाह हो चुके थे. इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर तो नहीं है लेकिन इन चारों घरों के मवेशी बादल फटने के बाद इन घरों में ही दफन हो गए. जैसे ही बादल फटा किसी को भी संभलने का कोई मौका नहीं मिला और पलक झपकते ही चारो घर एकदम से जमींदोज हो गए. जब वहां के स्थानीय लोगों से इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह हादसा रात के लगभग 11 बजे हुआ था. अचानक से बिजली गरजी और किसी को कुछ समझ में आता इसके पहले ही हादसा हो गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि हम लोगों ने जैसे ही देखा कि 4 घर एकदम से जमींदोज हो गए तब हमलोग मदद के लिए बाहर आए. हम लोगों ने पूरी रात राहत और बचाव का काम जारी रखा. मलबे में 2 बुजुर्ग दंपत्ति भी फंस गए थे लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद हम लोग उन्हें बचाने में सफल रहे. वहीं इस दौरान वहां उपस्थित गौशाला में भी कुछ गाय और भैसें मलबे में दब गईं जिन्हें रेस्क्यू के दौरान हम लोग बाहर नहीं निकाल सके.

एक अन्य पड़ोसी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहां पर अभी भी और घरों पर ऐसी दैवीय आपदा का संकट है. हमलोग लगातार डरे हुए हैं, यहां पर बरसात के दिनों में आए दिन ऐसे हादसे हुआ करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यह पहली बार ऐसा नहीं हुआ है इसके पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, और प्रशासन दौरा करके स्थिति का जायजा भी ले चुका है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई प्रशासन की ओर से नहीं की गई है. प्रशासन ने कहा था कि हम यहां पर सेफ्टी वाल बनाएंगे लोगों को इस खतरे से बचाने के लिए उपाय करेंगे लेकिन प्रशासन सिर्फ लुभावने वादे करके ही वापस लौट जाता है, हमें अगली आपदा को झेलने के लिए. हादसे के बाद प्रशासन ने कहा है कि आप लोग बगल में बने स्कूल में रुक जाएं. लेकिन सवाल यह उठता है कि स्कूल में लोग कब तक अपना गुजर-बसर करेंगे. उन्हें इस खतरे से स्थाई निजात चाहिए जिसके लिए खोखले वादों से काम नहीं चलेगा.

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कुल मिलाकर सिल्ली गांव में इस दैवीय आपदा से बड़ा नुकसान हुआ है लोगों के आशियाने खत्म हो गए हैं, उनके पालतू जानवर बह गए या फिर मलबे में दब गए हैं. ऐसे में प्रशासन अभी तक सिर्फ पैमाइश कर रहा है उसके बाद प्रशासन इस बात का आंकलन करेगा कि लोगों का नुकसान कितना हुआ है. उसके बाद इस बात की घोषणा की जाएगी कि पीड़ित लोगों को क्या मुआवजा दिया जाए. प्रशासन को इस मामले में थोड़ी तेजी दिखाते हुए हादसे से पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत राशि देनी चाहिए ताकि वो अपने उजड़े आशियानों को दोबारा बसा सकें.

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