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सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से चार और हफ्तों की दी राहत

भीमा कोरेगांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गौतम नवलखा को राहत दी है

Updated on: 15 Oct 2019, 04:50 PM

नई दिल्ली:

भीमा कोरेगांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गौतम नवलखा को राहत दी है. कार्यकर्ता गौतम नवलखा को उसकी गिरफ्तारी से चार और हफ्तों तक अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है. उन्हें गिरफ्तारी से पहले संरक्षण दिया गया था. उन्हें इस बीच पूर्व गिरफ्तारी जमानत के लिए आवेदन करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ़्तारी से राहत दे दी है. यानी अब से एक महीने तकउसकी गिरफ़्तारी नहीं हो सकती है.

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 गौतम नवलखा ने सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ याचिका दायर की थी. अपने ख़िलाफ़ दायर एफ़आईआर को रद्द करने की माँग की. इस मामले की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों ने ख़ुद को अलग कर लिया. सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि जांच के दौरान नवलखा के ख़िलाफ़ इकट्ठे किए गए सबूतों को सुनवाई के दिन यानी 15 अक्टूबर को पेश करे. नवलखा की याचिका पर पहली बार सुनवाई 30 सितंबर को होनी थी. उस खंडपीठ की अध्यक्षता रंजन गोगोई कर रहे थे और उसमें एस. ए. बोबडे और एस. अब्दुल नज़ीर भी थे. जस्टिस गोगोई ने ख़ुद को यह कह कर अलग कर लिया था कि उनके पास समय नहीं है.

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13 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवलखा की एफआईआर रद्द करने की अपील खारिज कर दी थी. अदालत ने कहा था कि पहली नजर में इस मामले में सच्चाई दिखाई देती है. इसमें गहनता से और पूरी जांच की जरूरत है. 31 दिसंबर 2017 को भीमा-कोरेगांव में एल्गर परिषद आयोजित की गई थी. इसके अगले ही दिन हिंसा शुरू हो गई थी. इसके बाद नवलखा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उन पर नक्सलियों से संपर्क रखने का आरोप भी लगा था.