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भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद तिहाड़ जेल से रिहा, तीस हजारी कोर्ट ने दी जमानत

गुरुवार को जब चंद्रशेखर आजाद तिहाड़ जेल से बाहर आए, तो समर्थकों ने जेल के बाहर फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया.

Updated on: 16 Jan 2020, 11:50 PM

नई दिल्ली:

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को जमानत मिल गई है. चंद्रशेखर को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किया गया था. गुरुवार को चंद्रशेखर आजाद को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से जमानत मिल गई, जिसके बाद भीम ऑर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया. गुरुवार को जब चंद्रशेखर आजाद तिहाड़ जेल से बाहर आए, तो समर्थकों ने जेल के बाहर फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया है.

वहीं भीम ऑर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण ने कहा कि हमारा आंदोलन संवैधानिक रूप से तब तक जारी रहेगा जब तक सीएए कानून वापस नहीं ले लिया जाता. ये आंदोलन मुल्क बांटने वालों के खिलाफ है. रावण उर्फ चंद्रशेखर ने आगे कहा कि शुक्रवार की दोपहर 1 बजे मैं दिल्ली की जामा मस्जिद जाउंगा उसके बाद मैं रविदास मंदिर, एक गुरुद्वारा और एक चर्च भी जाऊंगा. आपको बता दें कि चंद्रशेखर की जमानत के समय ही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने चंद्रशेखर को इस बात की हिदायत दी है कि वो अगले 4 सप्ताह तक दिल्ली में न आए क्योंकि इन दिनों दिल्ली में विधानसभा चुनाव है.

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भीम ऑर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत देते हुए दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कहा है कि अगले 4 सप्ताह तक वो दिल्ली में नहीं रहेंगे क्योंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके कोर्ट ने उन्हें यह भी आदेश दिया है कि जब तक उनके खिलाफ मामले में चार्जशीट दायर नहीं हो जाती है तब तक वो सहारनपुर में एसएचओ के सामने हर शनिवार पहुंचकर हाजिरी लगाएंगे इसके अलावा चंद्रशेखर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फटकार भी लगाई.

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दिल्ली की अदालत ने कहा था कि जो ग्रुप विरोध प्रदर्शन करता है, उस ग्रुप पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया जाता है. इस मसले पर दिल्ली पुलिस ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई और पुलिस बैरिकेडिंग व दो प्राइवेट गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. इसकी जवाबदेही भी भीम ऑर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की है.

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आपको बता दें कि इसके पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर पाई इस वजह से कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार भी लगाई थी. कोर्ट ने इसके साथ ही दिल्ली पुलिस से यह सवाल भी किया था कि दिल्ली पुलिस कोई ऐसा कानून बताए, जो इस प्रकार से इकट्ठा होने पर रोक लगाता हो. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि इस मामले में हिंसा कहां है? कौन कहता है कि लोग प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं? क्या आपने संविधान पढ़ा भी है? हर नागरिक का यह संवैधानिक अधिकार है कि सहमत न होने पर वह विरोध प्रदर्शन करे.