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पाकिस्तान की खैर नहीं, थल सेना के लिए मोदी सरकार ला रही घातक अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर

केंद्र सरकार थल सेना के लिए दुनिया के बेहत घातक अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी देने की तैयारी में है. अगले महीने अमेरिका से अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए अनुबंध हो सकता है.

Updated on: 29 Dec 2019, 09:39 AM

highlights

  • सरकार थल सेना के लिए घातक अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद की तैयारी में.
  • इसी साल सितंबर में अपाचे भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल हुआ है.
  • इनकी खरीद पर करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी.

नई दिल्ली:

भारतीय सेना को मजबूती देने के प्रयास में जुटी मोदी 2.0 सरकार अब थल सेना को सिर्फ जमीनी युद्ध में ही नहीं, बल्कि हवाई युद्ध की क्षमता से भी लैस करेगी. केंद्र सरकार थल सेना के लिए दुनिया के बेहत घातक अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी देने की तैयारी में है. अगले महीने अमेरिका से अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए अनुबंध हो सकता है. ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय सेना में 2022 तक शामिल होंगे. छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) और उसके बाद कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की कमेटी (सीसीएस) की मंजूरी मिलने के आसार हैं.

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वायु सेना में शामिल हो चुका है अपाचे
गौरतलब है कि इसी साल सितंबर में अपाचे भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल हुआ है. अब अपाचे हेलीकॉप्टरों की यह नई खरीद विशेष रूप से थल सेना के लिए होने वाली है. इससे सेना की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा. अभी सेना हेलीकॉप्टर या अन्य कोई वायुयान सिर्फ परिवहन के उद्देश्य से ही इस्तेमाल में लाती है. हवाई कार्रवाई के लिए वह वायुसेना पर ही निर्भर है. यह पहला मौका है जब सरकार थल सेना को युद्धक क्षमता वाले हेलीकॉप्टर देगी. अपाचे हेलीकॉप्टर रात में अंजाम दी जाने वाली कार्रवाईयों और ऊंची पहाड़ियों में उड़ान भरने में सक्षम हैं. इन हेलीकॉप्टरों में अत्याधुनिक हथियार भी फिट हैं.

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तालिबान का सफाया किया था अपाचे ने
कश्मीर में ऊंची पहाड़ियों से होने वाली घुसपैठ को रोकने और चीन सीमा पर जवाबी कार्रवाई के लिए इन हेलीकॉप्टरों की खरीद को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने अपाचे हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल अफगानिस्तान की पहाड़ियों में तालिबान के सफाये के लिए किया था. अपाचे मिल जाने के बाद थल सेना अपने अभियानों में जरूरत के मुताबिक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर सकेगी. सूत्रों के अनुसार इनकी खरीद पर करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी.

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इन खूबियों से है लैस
16 एंटी टैंक मिसाइल और 30 एमएम की 1200 गोलियां छोड़ने वाला यह हेलीकॉप्टर दुश्मन के रडार की पकड़ में न आने से भारतीय सेना की ताकत को नई धार देगा. 550 किमी की फ्लाइट रेंज और लगभग 280 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ने वाला यह लड़ाकू हेलीकॉप्टर इतना शक्तिशाली है कि इसके लिए दिन-रात में कोई अंतर नहीं है. इसके साथ ही यह किसी भौगोलिक स्थितियों समेत किसी भी मौसम में वार करने में सक्षम है.