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कर्नाटक: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बोले- राज्य का हो अलग झंडा, बेंगलुरू मेट्रो में हिंदी मंजूर नहीं

बेंगलुरू में आयोजित कन्नड़ रक्षणा वेदिक रैली में सिद्धारमैया ने कहा, 'साढ़े छह करोड़ नागरिकों के सीएम और प्रतिनिधि होने के नाते मेरा दृढ़ विश्वास है कि कर्नाटक को अलग झंडे की जरूरत है।'

Updated on: 15 Oct 2017, 06:09 PM

नई दिल्ली:

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक बार फिर राज्य के अलग झंडे की मांग की है। कन्नड़ संस्कृति के मान को बढ़ावा देने की बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य का अलग झंडा होना चाहिए और कांग्रेस सरकार इस बात को लेकर दृढ़ है।

राज्य में हिंदी को लेकर चल रहे विवाद पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा बेंगलुरू मेट्रो में हिन्दी के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा, 'जब केरल और तमिलनाडु के मेट्रो में हिंदी नहीं है तो कर्नाटक को इसकी क्या जरूरत? मैंने केंद्र को लिखा है कि हिंदी का इस्तेमाल असंभव है और इसे अनुमति नहीं दी जाएगी।'

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बेंगलुरू में आयोजित कन्नड़ रक्षणा वेदिक रैली में सिद्धारमैया ने कहा, 'साढ़े छह करोड़ नागरिकों के सीएम और प्रतिनिधि होने के नाते मेरा दृढ़ विश्वास है कि कर्नाटक को अलग झंडे की जरूरत है।'

सिद्धारमैया ने अलग झंडे की मांग पर बात करते हुये कहा कि राज्य का झंडा होने से राष्ट्रीय झंडे को किसी भी तरह से कमतर नहीं किया जायेगा।

उन्होंने कहा, 'संविधान में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि राज्य का अलग झंडा नहीं होना चाहिए। कर्नाटक के लिए अलग झंडे का मतलब यह नहीं है कि हम राष्ट्रीय झंडे के प्रति अपनी श्रद्धा को खो देंगे। राष्ट्रीय झंडे का स्थान हमेशा सर्वोच्च रहेगा।'

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