logo-image

सिंधिया को कांग्रेस छोड़ने के लिए मनाने में बड़ौदा राजघराने की भूमिका ! जानें पर्दे के पीछे का खेल

ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की ससुराल बड़ौदा राजघराने में है. कहा जा रहा है कि इसी राजघराने की महारानी ने सिंधिया और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत का रास्ता तैयार किया.

Updated on: 10 Mar 2020, 02:36 PM

highlights

  • ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के पीछे बड़ौदा राजघराने की भूमिका.
  • ग्वालियर राजघराने के सिंधिया की ससुराल बड़ौदा राजघराने में है.
  • पीएम नरेंद्र मोदी और सिंधिया को एक मेज तक लाने के हुए प्रयास.

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के राजनीतिक जानकार ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की सोमवार-मंगलवार मुलाकात में बड़ौदा राजघराने की अहम भूमिका बता रहे हैं. ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की ससुराल बड़ौदा राजघराने में है. कहा जा रहा है कि इसी राजघराने की महारानी ने सिंधिया और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत का रास्ता तैयार किया. यह उन्हीं की बदौलत संभव हुआ कि बीजेपी (BJP) और सिंधिया के बीच बातचीत हुई. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कुछ दिन पहले हुई सियासी उठापटक नाकाम हो गई थी. जब एक-एक कर कांग्रेस के सभी विधायक वापस लौट आए थे तब कांग्रेस विधायकों के इधर-उधर भागने की चर्चाओं पर उस वक्त विराम लग गया था.

यह भी पढ़ेंः पीएम मोदी और सिंधिया के बीच हुई बड़ी डील, जानें ज्योतिरादित्य को क्या मिलेगा

ये हैं ऑपरेशन कमल के सूत्रधार
जानकार बताते हैं मध्य प्रदेश को लेकर रणनीति के लिए सोमवार को अमित शाह के घर बैठक हुई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा शामिल हुए. उधर प्रधानमंत्री और सिंधिया के बीच मध्यस्थता सिंधिया के ससुराल पक्ष से बड़ौदा राजपरिवार की महारानी ने की. उन्होंने ही सिंधिया को भाजपा से संपर्क के लिए तैयार किया. उधर, प्रधानमंत्री ने सिंधिया से बातचीत का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा. तोमर मीटिंग के लिए सिंधिया के घर भी गए और वहीं आगे की रणनीति पर उनकी बातचीत हुई थी.

यह भी पढ़ेंः ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी को इस्तीफा दे कांग्रेस छोड़ी

इस तरह उठाया सिंधिया ने कदम
इसके बाद ऐन होली के दिन तमाम कयासों को सही साबित करते हुए कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में सिंधिया ने कांग्रेस से अलग रास्ता चुनने का संकेत देते हुए देश व लोगों की सेवा जारी रखने की बात कही है. उन्होंने लिखा कि 18 साल तक कांग्रेस के साथ रहते हुए अब उन्हें ऐसा लग रहा है कि वह लोगों की सेवा सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.