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कांग्रेस के बुरे दिन! अब नहीं हैं चाय-नाश्ते के पैसे, पदाधिकारियों को खर्च पर लगाम कसने की नसीहत

कांग्रेस इस कदर आर्थिक तंगी से जूझ रही है कि उसे अब पार्टी के पदाधिकारियों के खर्च पर भी लगाम लगाना पड़ रहा है.

Updated on: 13 Oct 2019, 04:42 PM

नई दिल्‍ली:

पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2014 में अच्‍छे दिन आएंगे का नारा दिया था. इस नारे पर सबसे ज्‍यादा कटाक्ष करने वाली कांग्रेस (Congress) के अब बुरे दिन शुरू हो गए हैं. पांच सालों से केंद्र की सत्ता से दूर कांग्रेस (Congress) में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी नेताओं के बीच जारी गतिरोध के बाद अब खबर आई है कि पार्टी की आर्थिक स्थिति बुरी हो चुकी है. यही कारण है कि पार्टी ने अपने पदाधिकारियों को खर्च पर लगाम कसने की नसीहत दे डाली है.

दरअसल कांग्रेस (Congress) पिछले पांच सालों से केंद्र में अपनी सरकार नहीं बना पाई है. वहीं इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी मोदी सरकार ने दोबारा बाजी मार ली. ऐसे में अब सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस (Congress) के पास पैसे नहीं बचे हैं. आलम ये हैं कि पार्टी के पास चाय-नाश्ते के पैसे भी नहीं बचे हैं.

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कांग्रेस (Congress) इस कदर आर्थिक तंगी से जूझ रही है कि उसे अब पार्टी के पदाधिकारियों के खर्च पर भी लगाम लगाना पड़ रहा है. सूत्रों के मुताबिक अकाउंट विभाग ने महासचिवों, राज्य प्रभारियों और अन्य पदाधिकारियों से ये कह दिया है कि उनको अपने खर्च पर लगाम लगाना पड़ेगा. नेताओं को अब से चाय-नाश्ते पर खर्च करने के लिए हर महीने तीन हजार रुपये रखे जाएंगे और अगर इससे ज्यादा खर्च होता है तो उसका भुगतान खुद करना होगा.