AyodhyaVerdict: सुप्रीम कोर्ट ने प्राचीन विदेशी यात्रियों के विवरण को भी बनाया फैसले का आधार
रामलला के पक्ष में फैसला सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (ASI) विभाग की रिपोर्ट के साथ-साथ उन विदेशी यात्रियों की किताबों को भी आधार बनाया जो 17वीं और 18वीं सदी में भारत आए थे.
highlights
- सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या फैसले में प्राचीन यात्रा वृतांतों को बनाया आधार.
- 17वीं व 18वीं सदी में अयोध्या आए थे कुछ विदेशी यात्री.
- इन्होंने अपने यात्रा अनुभवों का यात्रा वृतांत में किया जिक्र.
New Delhi:
अयोध्या (AyodhyaVerdict) में राम जन्मभूमि (Ram Janmbhoomi) के मालिकाना हक को लेकर दशकों से चले आ रहे विवाद का पटाक्षेप सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शनिवार को दिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले में कर दिया. इस फैसले के तहत अयोध्या राम की हुई तो मुस्लिम पक्ष को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अयोध्या में ही 5 एकड़ भूमि देने का निर्देश भी दिया. रामलला के पक्ष में फैसला सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (ASI) विभाग की रिपोर्ट के साथ-साथ उन विदेशी यात्रियों की किताबों को भी आधार बनाया जो 17वीं और 18वीं सदी में भारत आए थे और जिन्होंने अयोध्या में अपनी यात्रा के विवरण को किताबों की शक्ल दी थी.
यह भी पढ़ेंः AyodhyaVerdict: एक जज ने हिंदू मत के पक्ष में गुरु नानक और तुलसीदास का दिया हवाला
इन विदेशी यात्रियों को विवरण को बनाया आधार
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाने में जोसेफ टेफेन्थैलर (Joseph Tiefenthaler), एम मार्टिन (M Martin) और विलियम फिंच (William Finch) के अयोध्या यात्रा वृतांतों को आधार बनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विदेशी यात्रियों के विवरण से हिंदुओं की आस्था और विश्वास के संबंध में पूरी जानकारी मिलती है. इसमें भगवान राम (Ram) के जन्मस्थान और हिंदुओं द्वारा की जाने वाली पूजा का भी जिक्र है. कोर्ट ने यह भी कहा कि 18वीं सदी में जोसेफ टेफेन्थैलर और एम मार्टिन के यात्रा विवरण विवादित स्थल को भगवान राम का जन्मस्थान मानने के प्रति हिंदुओं की आस्था और विश्वास को दर्शाते हैं. इन यात्रा विवरणों में विवादित स्थल और उसके आसपास सीता रसोई, स्वर्ग द्वार और बेदी (झूला) जैसे स्थलों की पहचान है, जो वहां भगवान राम के जन्म को दर्शाते हैं.
यह भी पढ़ेंः सुब्रमण्यम स्वामी अब काशी और मथुरा का मुद्दा उठाएंगे, ओवेसी को लेकर कही यह बड़ी बात
सदियों से होती आ रही है पूजा के प्रमाण
अयोध्या मसले (Ayodhya Issue) की सुनवाई कर रही पांच जजों की पीठ ने यह भी माना कि प्राचीन विदेशी यात्रियों के विवरणों में विवादित स्थल पर हिंदू तीर्थयात्रियों द्वारा पूजा पाठ और परिक्रमा (Parikrama) करने और धार्मिक उत्सवों के अवसर पर भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ने का भी उल्लेख किया गया है. कोर्ट ने कहा कि 1857 में अंग्रेजों द्वारा ईंट-ग्रिल की दीवार के निर्माण से पहले भी विवादित स्थल पर भक्तों की ऐतिहासिक उपस्थिति और पूजा का अस्तित्व था. गौरतलब है कि फिंच (1608-11) और 1743-1785 के बीच टेफेन्थैलर भारत यात्रा के दौरान अयोध्या का दौरा किया और उसका विवरण लिखा. दोनों लेखों में स्पष्ट रूप से हिंदुओं द्वारा भगवान राम की पूजा के संदर्भ हैं. टेफेन्थैलर के यात्रा विवरण में 'सीता रसोई', 'स्वर्गद्वार' और 'बेदी' का उल्लेख है.
यह भी पढ़ेंः मुहूर्त देखकर 2020 से शुरू होगा भव्य राम मंदिर का निर्माण, लग सकते हैं 5 साल
भगवान राम के झूले का भी जिक्र
टेफेन्थैलर का यात्रा विवरण 18वीं सदी में मस्जिद (Babri Masjid) के सामने बनाई गई ग्रिल-ईंट की दीवार के निर्माण से पहले का है. टेफेन्थैलर के यात्रा विवरण के अनुसार 'जमीन से 5 इंच ऊपर एक चौकोर बॉक्स जिसका बॉर्डर चूने से बना है और इसकी लंबाई 225 इंच के करीब है और अधिकतम चौड़ाई 180 इंच है यहां स्थित था.' इसे हिंदू बेदी या झूला कहते हैं. टेफेन्थैलर के यात्रा विवरण के अनुसार यह स्थान भगवान विष्णु के भगवान राम के रूप में जन्म लेने के स्थान का दर्शाती है. हालांकि, टेफेन्थैलर ने उल्लेख किया कि जो स्थान पर 'भगवान राम का पैतृक घर' था, हिंदू तीन बार उसकी परिक्रमा करते हैं और फर्श पर लेट जाते हैं. टेफेन्थैलर का यह यात्रा विवरण पूजा के केंद्र बिंदु को संदर्भित करता है, जो भगवान का जन्म स्थान है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी