logo-image

AyodhyaVerdict के बाद मंडरा रहा बड़े आतंकी हमलों का खतरा, अजीत डोभाल ने बुलाई बैठक

शनिवार 11:00 बजे अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का निर्णय आया और उसके ठीक 24 घंटे बाद यानी रविवार सुबह 11:00 बजे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA Chief) अजीत डोभाल के निवास 5 जनपथ रोड पर अयोध्या फैसले के बाद की स्थिति पर मंथन करने के लिए बैठक शुरू हो गई.

Updated on: 10 Nov 2019, 03:23 PM

highlights

  • भारत की विभिन्न खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट में बड़े आतंकी हमलों की आशंका.
  • भड़काऊ बयानों को रोकने और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए एनएसए चीफ ने बुलाई बैठक.
  • अजीत डोभाल की बैठक में हिंदू-मुस्लिम धर्मगुरु समेत खुफिया अधिकारी रहे मौजूद.

New Delhi:

शनिवार 11:00 बजे अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का निर्णय आया और उसके ठीक 24 घंटे बाद यानी रविवार सुबह 11:00 बजे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA Chief) अजीत डोभाल के निवास 5 जनपथ रोड पर अयोध्या फैसले के बाद की स्थिति पर मंथन करने के लिए बैठक शुरू हो गई. इसमें मुस्लिम पक्ष (Muslim Clerics) से शिया और सुन्नी धर्मगुरु के अलावा जमीयत उलेमा ए हिंद, दारुल उलूम, देवबंद और बरेलवी पंथ के बड़े धर्मगुरु मौजूद हैं. हिंदू पक्ष (Hindu Priests) से अयोध्या से जुड़े धर्मगुरु, पतंजलि से बाबा रामदेव और विभिन्न राज्यों से आए हुए हिंदू धर्म के बड़े धर्मगुरु भी बैठक में भाग ले रहे हैं. इस बैठक का मकसद विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की ओर से अयोध्या मसले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से देश के बड़े शहरों में आतंकवादी हमलों के इनपुट पर भी चर्चा करना है.

यह भी पढ़ेंः शिवसेना ने दिए सरकार बनाने के संकेत, 'सामना' में की शरद पवार की तारीफ

अजीत डोभाल के घर पर बैठक

सूत्रों के मुताबिक अजीत डोभाल (Ajit Doval) की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में खुफिया विभाग के उच्च अधिकारी भी मौजूद हैं. इस मुलाकात में अयोध्या फैसले के बाद के हालात पर मंथन किया जा रहा है. गौरतलब है कि कल असुद्दीन ओवेसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अयोध्या फैसले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी, जिसे पाकिस्तानी मीडिया ने मुद्दा बनाया था. इसके बाद भारत सरकार की कोशिश है कि देश की एकता और अखंडता के लिए धार्मिक सद्भावना कायम रहे और कोई भी धर्म गुरु कटुता वाले बयान ना दे. खासकर ऐसे बयान जिसका फायदा पाकिस्तान में बैठे आतंकी गुट उठा सके. खासकर उन खुफिया इनपुट्स के आलोक में जिसमें कहा गया है कि अयोध्या फैसले के मद्देनजर लगभग दस दिन पहले ही जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-E-Mohamad) के कुछ संदेश पकड़े गए हैं, जिनमें अयोध्या फैसले के बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े आतंकी हमले की चर्चा की गई है.

यह भी पढ़ेंः सुब्रमण्यम स्वामी अब काशी और मथुरा का मुद्दा उठाएंगे, ओवेसी को लेकर कही यह बड़ी बात

दिल्ली, यूपी और हिमाचल जैश के निशाने पर

सूत्रों का कहना है कि मिलिट्री इंटेलीजेंस (Militry Intelligence) के अलावा रॉ (Raw) और आईबी (IB) ने अलग-अलग समय पर 'डार्क वेब' में कुछ संकेतों को पकड़ा है, जिनसे संकेत मिल रहे हैं कि जैश बड़े आतंकी हमलों (Terror Attacks) की फिराक में है. भारत की विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने इन संदेशों को 'डार्क वेब' में पकड़ा गया. इन एजेंसियों ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि बीते दस दिनों में इस तरह के संदेशों में कई गुना वृद्धि देखने में आई है. यह संदेश कूट भाषा में थे, जिन्हें खुफिया एजेंसियों ने डिकोड कर प्राप्त निष्कर्षों से सरकार को आगाह करा दिया है. खुफिया एजेंसियों का मानना है कि कश्मीर से धारा 370 हटाने और अब अयोध्या पर आए फैसले के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक पोषित आतंकी भारत में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की फिराक में हैं. ऐसे में जैश ने यह जिम्मेदारी उठाई है. भारतीय खुफिया इनपुट्स में नई दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में आतंकी हमलों की साजिश है.