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अयोध्या फैसला: AIMPLB के समर्थन से 4 और पुनर्विचार याचिकाएं SC में दायर

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा 9 नवंबर को दिए गए अयोध्या फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के समर्थन से मुस्लिम पक्षकारों द्वारा 4 और पुनर्विचार याचिकाएं (Review Petitioins) दाखिल की गई हैं.

Updated on: 06 Dec 2019, 05:38 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा 9 नवंबर को दिए गए अयोध्या फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के समर्थन से मुस्लिम पक्षकारों द्वारा 4 और पुनर्विचार याचिकाएं (Review Petitioins) दाखिल की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट (SC) के अयोध्या फैसले (Ayodhya Verdict) को लेकर पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दाखिल करने वालों में मुस्लिम पक्षकार मिसबाहुद्दीन, हसबुल्ला, हाजी महबूब, रिजवान अहमद के नाम प्रमुख हैं. कहा जा रहा है कि खुली अदालत में सुनवाई हुई तो इनकी पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन करेंगे.

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इससे पहले शुक्रवार को ही पीस पार्टी (Peace Party) ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की. इसमें पीस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के 9 नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है. पीस पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि 1949 तक विवादित स्थल पर मुस्लिमों का अधिकार था. 1949 तक सेंटल डोम के नीचे नमाज़ अदा की गई थी और कोई भी भगवान की मूर्ति डोम के नीचे तब तक नहीं थी.

याचिका में पीस पार्टी की तरफ से ये भी कहा गया है कि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में भी इस बात के साक्ष्य नहीं है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई. 1885 में बाहरी अहाते में राम चबूतरे पर हिन्दू पूजा करते थे आंतरिक हिस्सा मुसलमानों के पास था.

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हिंदू महासभा भी दाखिल करेगी पुनर्विचार याचिका
हिंदू महासभा ने भी ऐलान किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा. हिंदू महासभा मुस्लिम पक्षकारों को 5 एकड़ जमीन दिए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल करेगी. हिंदू पक्षकारों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर विचार करने को कहेगी.