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राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली बैठक आज मंदिर निर्माण के मुहूर्त सहित कई विषयों पर चर्चा

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली बैठक बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में होगी, जिसमें मंदिर निर्माण के मुहूर्त सहित कई विषयों पर विचार किया जा सकता है.

Updated on: 19 Feb 2020, 08:12 AM

नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली बैठक बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में होगी, जिसमें मंदिर निर्माण के मुहूर्त सहित कई विषयों पर विचार किया जा सकता है. एक सूत्र ने बताया कि न्यास की पहली बैठक बुधवार शाम को बुलाई गई है. इसमें उस सुझाव के बारे में चर्चा की जा सकती है कि क्या आम जनता से सहयोग राशि ली जानी चाहिए या नहीं. ट्रस्ट की बैठक में शिलान्यास के मुहूर्त से लेकर निर्माण पूर्ण होने के लिए समयसीमा निर्धारित करने के मुद्दों पर भी चर्चा की जा सकती है.

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राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में पारदर्शी तरीकों पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी तरह के विवाद से बचा जा सके. इसमें मंदिर के निर्माण के दौरान रामलला के रखने के स्थान को लेकर भी चर्चा की जा सकती है. सूत्रों के अनुसार, बैठक में न्यास के अन्य पदाधिकारियों के बारे में भी चर्चा की जा सकती है. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने व मंदिर निर्माण के लिए न्यास के गठन के आदेश पर 5 फरवरी को केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का ऐलान किया था.

25 मार्च से 8 अप्रैल के बीच भूमि पूजन

ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार, राम मंदिर से भूमि पूजन 25 मार्च से 8 अप्रैल की बीच किया जा सकता है. हालांकि, निर्माण कार्य शुरू होने में कुछ समय लग सकता है. ट्रस्ट अपने गठन के बाद से बी मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर चुका है. ट्रस्ट पूरे जमीन की पैमाइश कराने उसका समतलीकरण कराने के साथ-साथ मंदिर निर्माण स्थल की मिट्टी जांच कराने के लिए भूगर्भ शास्त्रियों की राय लेने और वास्तु शास्त्रियों से राय लेने की अपनी प्रक्रिया शुरू कर चुका है. ट्रस्ट के सदस्य अलग-अलग जगहों पर वकीलों, भूगर्भ शास्त्रियों, आर्किटेक्ट और सिविल इंजीनियर से मंदिर निर्माण के संबंध में राय लेने में जुट गए हैं. मंदिर निर्माण का जिम्मा किस कंपनी को सौंपा जाए इस पर भी ट्रस्ट की पहली बैठक में फैसला हो सकता है.

मंदिर के मॉडल पर होगा फैसला

दरअसल, ट्रस्ट चाहता है कि मंदिर का निर्माण भव्य रूप से किया जाए. हालांकि, फिलहाल जो मॉडल है वह छोटा है. ऐसे में ट्रस्ट चाहता है कि मंदिर विशाल भी बने लेकिन मॉडल में भी कोई बदलाव न किया जाए. ऐसे में सबसे पहले ट्रस्ट मंदिर निर्माण की तिथि को तय करेगा और जो मॉडल राम मंदिर का है उसी को और कितना विशाल और भव्य बनाया जा सकता है, इस पर ट्रस्ट निर्णय करेगा.

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रामलाल विराजमान पर होगा फैसला

राम मंदिर निर्माण शुरू करने से पहले रामलला विराजमान को विस्थापित कर कहां रखा जाए इस पहलू पर विचार करेगा. मौजूदा समय में जो सुरक्षा है उस सुरक्षा को क्या बहाल रखा जाए या उसको बदला जाए इस पर ट्रस्ट निर्णय करेगा. ट्रस्ट इस बात पर भी विचार करेगा कि राम मंदिर के पूरे निर्माण को कैसे भव्य बनाया जाए. ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल का कहना है कि इतने सारे काम हैं कि एक बैठक में सभी निर्णय नहीं हो सकते.

बुधवार शाम 5 बजे होगी बैठक

ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को शाम 5 बजे होगी. बैठक से पहले ट्रस्ट कानूनी और तकनीकी राय लेने में जुटा हुआ है. इसमें ट्रस्ट का साथ विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई वरिष्ठ नेता दे रहे हैं. ट्रस्ट अपनी पहली बैठक में कानूनी पहलुओं पर विचार करेगा. खासतौर पर ट्रस्ट को सौंपी गई जमीन और उससे संबंधित कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए निर्णय लेगा. बैठक में और दो लोगों को ट्रस्ट में शामिल किए जाने के कानूनी पक्ष पर विचार होगा.