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अयोध्‍या, राफेल, सबरीमाला सहित चार अहम मुद्दों पर 10 दिनों में सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा अहम फैसला

सुप्रीम कोर्ट आगामी 10 दिनों में चार ऐसे महत्‍वपूर्ण फैसले सुनाने वाला है, जिससे देश की राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी. मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ही चारों महत्‍वपूर्ण फैसले सुनाएगी.

Updated on: 03 Nov 2019, 09:44 AM

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आगामी 10 दिनों में चार ऐसे महत्‍वपूर्ण फैसले सुनाने वाला है, जिससे देश की राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के नेतृत्व वाली पीठ ही चारों महत्‍वपूर्ण फैसले सुनाएगी. इन फैसलों में अयोध्‍या मामला (Ayodhya Case) भी शामिल है. 17 नवंबर को सीजेआई रंजन गोगोई रिटायर होने वाले हैं, लिहाजा 16 नवंबर से पहले अयोध्‍या पर फैसला आ सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश की पीठ अपने उस फैसले पर पुनर्विचार करके निर्णय देगी, जिसमें हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला (Sabrimala) के अयप्पा मंदिर (Ayappa Temple) में जाने की इजाजत दी गई थी. सरकार को राफेल (Rafale Deal) पर क्लीन चिट देने या न देने को लेकर तीसरा फैसला आ सकता है, जबकि चौथा फैसला सीजेआई को आरटीआई (RTI) के दायरे में लाने वाली याचिका को लेकर है.

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अयोध्‍या मामला
अयोध्‍या मामला 1858 से देश के सामाजिक-धार्मिक मामलों का अहम बिंदु रहा है. इस मामले में आने वाला फैसला इतिहास में एक नया अध्याय दर्ज करेगा. अदालत के फैसला सुनाने से पहले यह भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि पांच जजों वाली संविधान पीठ सर्वसम्मति से फैसला देगी?

सबरीमाला मुद्दा
इसी साल छह फरवरी को सीजेआई के नेतृत्‍व वाली पांच जजों की पीठ ने 65 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था. इसमें 57 याचिकाएं 28 सितंबर 2018 के कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने को दाखिल की गई थीं और 28 याचिकाएं हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश की अनुमति देने के खिलाफ लगाई गई थीं. याचिकाकर्ताओं की दलील है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं, इसलिए 10 से 50 साल के बीच की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं देनी चाहिए.

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आरटीआई के दायरे में सीजेआई हों या नहीं
चार अप्रैल को सीजेआई के नेतृत्व वाली पांच जजों की पीठ ने उस अपील पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसमें सीजेआई कार्यालय को RTI के दायरे में लाने की अनुमति देने को लेकर लगाई गई थीं. आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने यह याचिका दाखिल की थी.

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राफेल पर सरकार सही या गलत
फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने में एनडीए सरकार द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता के खिलाफ दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्लीनचिट दे दी थी. इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. सीजेआई की पीठ ने 10 मई को पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.