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Ayodhya Case : CJI रंजन गोगोई ने रद्द की अपनी विदेश यात्रा

Ayodhya Case : जस्‍टिस रंजन गोगोई (Justice Ranjan Gogoi) को 17 नवंबर को सेवानिवृत्त (Retirement Of Chief Justice of India) होने से पहले कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों, मध्य पूर्व और कुछ अन्य देशों की यात्रा पर जाना था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि चीफ जस्टिस ने अपनी प्रस्तावित विदेश यात्राओं को अंतिम रूप मिलने से पहले इन्हें रद्द कर दिया है.

Updated on: 17 Oct 2019, 08:24 AM

highlights

  • दक्षिण अमेरिकी देशों की यात्रा पर जाने वाले थे सीजेआई
  • आज बंद कमरे में बैठेंगे अयोध्‍या विवाद की सुनवाई करने वाले न्‍यायाधीश
  • बैठक में मध्‍यस्‍थता पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर होगी चर्चा 

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Chief Justice Ranjan Gogoi) के नेतृत्‍व वाली बेंच ने अयोध्‍या विवाद (Ayodhya Case) में सुनवाई पुरी कर ली है. अयोध्‍या विवाद (Auodhya Issue) में फैसला (Verdict) सुरक्षित रख लिया गया है. माना जा रहा है कि 23 दिन में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा. इस बीच खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्‍टिस रंजन गोगोई (Chief Justice Of India Ranjan Gogoi) ने अपनी आधिकारिक विदेश यात्रा (Abroad Tour) रद्द कर दी है. उन्‍हें 17 नवंबर को सेवानिवृत्त (Retirement Of Chief Justice of India) होने से पहले कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों, मध्य पूर्व और कुछ अन्य देशों की यात्रा पर जाना था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि चीफ जस्टिस ने अपनी प्रस्तावित विदेश यात्राओं को अंतिम रूप मिलने से पहले इन्हें रद्द कर दिया है. जस्‍टिस गोगोई (Justice Ranjan Gogoi) ने पिछले साल 3 अक्टूबर को भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी.

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सीजेआई रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक चले अयोध्‍या मामले की सुनवाई करने वाली 5 जजों की संविधान पीठ का नेतृत्‍व किया है. 17 नवंबर तक अयोध्या मामले का फैसला आने की उम्मीद है, क्योंकि सीजेआई गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं.

इस बीच खबर है कि अयोध्या (Ayodhya) की विवादित भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 6 अगस्त से चल रही सुनवाई बुधवार को पूरी होने के बाद संविधान पीठ गुरुवार को फिर से बंद कमरे में बैठेगी. बंद दरवाजे के पीछे होने वाली इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट को लेकर आगे के रास्ते पर विचार करेगा. वहीं कोर्ट सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावा वापस लेने पर भी सुप्रीम कोर्ट चर्चा कर सकता है. बैठक में इस बात पर भी चर्चा होगी कि मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट की सामग्री सार्वजनिक की जाए या नहीं.

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संविधान पीठ ने अयोध्‍या विवाद में सुनवाई पूरी करते हुए संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने को तीन दिन का समय दिया है. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं.