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अयोध्‍या केस : 17 नवंबर से पहले फैसला संभव, 18 अक्‍टूबर तक हर हाल में पूरी होगी सुनवाई

अयोध्या मामले की सुनवाई के 32वें दिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साफ किया कि इस मामले में जिरह पूरा करने की समयसीमा को 18 अक्टूबर से एक दिन भी ज़्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता.

Updated on: 26 Sep 2019, 12:11 PM

नई दिल्‍ली:

अयोध्या मामले की सुनवाई के 32वें दिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साफ किया कि इस मामले में जिरह पूरा करने की समयसीमा को 18 अक्टूबर से एक दिन भी ज़्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता. पक्षकारों को तब तक अपनी जिरह पूरी करनी होगी. CJI ने कहा, अगर 18 अक्टूबर तक जिरह पूरी हो जाती है तो 4 हफ्ते में फैसले को लिखकर दे देना चमत्कार की कहलाएगा. CJI 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के कैलेंडर के मुताबिक, 5  अक्टूबर (शनिवार से) से 13 अक्टूबर तक दशहरे का अवकाश है. 

वैसे 16 नवंबर और 17 नवंबर को शनिवार और रविवार पड़ेगा. इन दो दिन सामान्यतया सुप्रीम कोर्ट नहीं खुलता. 17 नवंबर की समयसीमा से पहले दशहरा और दीपावली का अवकाश भी पड़ेगा. इस लिहाज से भी संविधान पीठ के पास वक़्त कम है.

हालांकि चीफ जस्टिस साफ कर चुके हैं कि ज़रूरत पड़ी तो अवकाश के दिन भी या फिर शनिवार के दिन भी सुनवाई करेंगे. आमतौर पर संविधान पीठ जब किसी मामले की सुनवाई करती है तो हफ्ते में तीन दिन ( मंगल, बुध, गुरुवार) को ही सुनवाई करती है, लेकिन इस मामले में CJI ने पांचों दिन सुनवाई करने का फैसला लिया है. इतना ही नहीं, बेंच सोमवार से गुरुवार तक एक घंटे अतिरिक्त (शाम 4 के बजाए 5 बजे तक) बैठ रही है.