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Ayodhya Case: अखबारों में यह पहले पेज की खबर, हमने पढ़ा हैः सुप्रीम कोर्ट

चीफ जस्टिस को बताया गया कि मुस्लिम पक्ष ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर पहले जवाब सीलबंद कवर में दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने सभी पक्षकारों को इसकी कॉपी देकर जवाब सार्वजनिक कर दिया है.

Updated on: 21 Oct 2019, 11:34 AM

highlights

  • दूसरे सबसे ज्यादा सुनवाई मामले में फैसला सुरक्षित.
  • मुस्लिम पक्षकारों ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर दी सफाई.
  • 40 दिन तक अयोध्या मामले की मैराथन सुनवाई.

New Delhi:

अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट को मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अवगत कराया गया है. चीफ जस्टिस को बताया गया कि मुस्लिम पक्ष ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर पहले जवाब सीलबंद कवर में दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने सभी पक्षकारों को इसकी कॉपी देकर जवाब सार्वजनिक कर दिया है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हां, हमे पता है. मेरी टेबल पर जवाब सीलबंद कवर में है, पर अखबारो में ये पहले पेज पर ख़बर है. हमने अख़बार में पढ़ा है.

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फैसला सुरक्षित रखा गया
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने बुधवार को ऐतिहासिक अयोध्या जमीन विवाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने 40 दिनों तक केस की मैराथन सुनवाई की. उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में 4 नवंबर से 17 नवंबर के बीच फैसला आ सकता है क्योंकि सीजेआई गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं.

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पूरी हुई 'सुप्रीम' सुनवाई, अब फैसले का इंतजार
केशवानंद भारती केस के बाद अयोध्या जमीन विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में सबसे ज्यादा दिनों तक सुनवाई वाला मामला है. केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट में 68 दिनों तक सुनवाई हुई थी, जबकि अयोध्या मामले में 40 दिनों तक सुनवाई हुई. तीसरे नंबर पर आधार की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं हैं, जिन पर 38 दिनों तक सुनवाई हुई थी.