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अयोध्या मामला: ये 5 जज देंगे देश के सबसे विवादित मुकदमे पर फैसला

साल 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षों (सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान) में बांटने का आदेश दिया था

Updated on: 16 Oct 2019, 01:24 PM

नई दिल्ली:

Ayodhya Dispute Case: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 16 अक्टूबर को अयोध्या विवाद की सुनवाई का आखिरी दिन है. आज सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट फैसला सुरक्षित रख सकता है. एक दिन पहले सीजेआई ने संकेत दिया था कि बुधवार को बहस पूरी हो जाएगी और फैसला सुरक्षित रख लिया जाएगा.

1- फैसला देने वाली संवैधानिक बेंच में पांच जज हैं जिसकी अगुवाई खुद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे हैं. सीजेआई गोगोई इसी साल 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. साफ है कि उनके रिटायर होने से पहले फैसला आ जाएगा.

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2- संवैधानिक पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे भी इस बेंच में शामिल हैं.

3- इसके अलावा जस्टिस अशोक भूषण भी इस बेंच में शामिल हैं.

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4- जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी संवैधानिक पीठ में शामिल हैं.


5- जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर भी इस पीठ में शामिल हैं. बता दें कि पिछले 39 दिनों में सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में अपने-अपने पक्ष रखे हैं. साल 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षों (सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान) में बांटने का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट के 2010 पर आए फैसले पर हो रही सुनवाई

गौरतलब है कि इलाहाबाद कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गईं थीं. शीर्ष अदालत ने मई 2011 में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के साथ विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. फिरकभी रुक-रुक कर सुनवाई होती रही. हालांकि अब इन 14 अपीलों पर लगातार सुनवाई हो रही है, जिसका आज अंतिम दिन है.