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अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी, हिन्दू पक्ष ने अपनी दलीलों में उठाए ये 10 बड़े प्वाइंट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई बुधवार को तय समय से एक घंटे पूरी हो गई है.

Updated on: 16 Oct 2019, 05:09 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई बुधवार को तय समय से एक घंटे पूरी हो गई है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब सुप्रीम कोर्ट 23 दिन में ऐतिहासिक फैसला दे सकता है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लिखित हलफनामा जमा करने के लिए तीन दिन का समय दिया है. आज हिन्दू पक्ष की ओर से सीएस वैद्यनाथन ने अपनी दलीलें रखी हैं. जानें उनकी 10 बड़ी बातें.

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  1. जिरह शुरू करते हुए वैद्यनाथन ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं, जिससे विवादित ज़मीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा साबित हो सके.
  2. हिन्दू 1885 में रामचबूतरे पर तो पूजा कर ही रहे थे. वो केंद्रीय गुम्बद को श्रीराम का जन्मस्थान मानते हुए गुम्बद और चबुतरे को अलग करने रेलिंग पर भी पूजा करते थे, लेकिन बाद में मुगलों ने जबरन मस्जिद बना दी थी.
  3. 16 दिसंबर 1949 के बाद से विवादित जगह पर कोई नमाज नहीं पढ़ी गई और इस बात के सबूत भी हैं. 22-23 दिसंबर की रात रामलला वहां विराजमान थे. 23 दिसंबर शुक्रवार था लेकिन रामलला की प्रतिमा होने की वजह से नमाज अदा नहीं की जा सकी
  4. ऐसा कोई सबूत नहीं, जिससे साफ हो कि 1934 के बाद वहां नमाज पढ़ी गई. जबकि हिंदू हमेशा उस जगह को श्रीराम का जन्मस्थान मानकर पूजा करते रहे हैं.
  5. सीएस वैद्यनाथन ने मंगलवार की दलील को दोहराया. उन्होंने कहा, मुसलमान अयोध्या की दूसरी मस्जिदों में नमाज पढ़ सकते हैं पर हिन्दुओं के पास श्री रामजन्मस्थान का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. वो अपने आराध्य का जन्मस्थान नहीं बदल सकते हैं.
  6. मुस्लिम पक्ष के पास कोई ऐसा सबूत नहीं है, जिससे साफ हो कि 1949 तक वहां मुस्लिमों का एकाधिकार रहा हो. जबकि हकीकत ये है कि हिंदू पक्ष ने कभी अपना दावा नहीं छोड़ा.
  7. हिंदू पक्षकार के बाद अब गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार ने जिरह की. उन्होंने कहा कि हिंदुओं की ओर से पूजा का अधिकार पहले मांगा गया था, लेकिन मुस्लिम रूल में हिंदुओं को पूजा के अधिकार मिलने में दिक्कत आई थी. हालांकि, जब ब्रिटिश रूल आया तो इस मामले में कुछ राहत मिली. इसके साथ ही उनकी जिरह 2 मिनट में खत्म हो गई.
  8. हिंदू पक्षकार की दलील पूरी हो चुकी है. CJI रंजन गोगोई ने रंजीत कुमार को कहा, आपका समय पूरा हुआ, बैठ जाइए
  9. इस दौरान हिंदू महसभा के वकील की तरफ से नक्शा भी दिया गया था, लेकिन राजीव धवन ने वो नक्शा और कागजात दोनों फाड़ दिए, जिस पर सीजेआई रंजन गोगोई ने काफी नाराजगी जताई.
  10. चीफ जस्टिस ने धवन के इस तरीके पर नाराजगी के अंदाज में कहा- आप चाहे तो पूरे पेज फाड़ सकते हैं.