औरंगजेब की हत्या के मामले में सेना की हिरासत में लिए गए राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवान
सेना ने पिछले साल जून में मारे गए जवान औरंगजेब (Aurangzeb) के अपहरण और हत्या में कथित संलिप्तता के शक में 44 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को हिरासत में लिया है.
नई दिल्ली:
सेना ने पिछले साल जून में मारे गए जवान औरंगजेब (Aurangzeb) के अपहरण और हत्या में कथित संलिप्तता के शक में 44 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को हिरासत में लिया है. इन आरोपी जवानों से फिलहाल पूछताछ चल रही है. सूत्रों के अनुसार इन तीन सैन्यकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने औरंगजेब की आवाजाही की सूचना साझा की थी और जिसकी मदद से आतंकियों ने औरंगजेब के आर्मी कैंप से पुंछ स्थित घर के लिए निकलते ही उसका अपहरण कर लिया.
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बता दें कि पिछले साल औरंगजेब जब ईद मनाने अपने घर आ रहे थे तो आतंकवादियों ने पुलवामा में अगवा कर उनकी हत्या कर दी. पुलिस को गोलियों से छलनी औरंगजेब का शव 14 जून को मिला. हनीफ ने कहा कि वह चाहते थे कि सेना उनके बेटे की हत्या का बदला ले.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इन सैन्यकर्मियों की पहचान आबिद वाणी, तज्जमुल अहमद और आदिल वाणी के रूप में की गई है. इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इनमें से दो पुलवामा के रहने वाले हैं, जबकि एक सैन्यकर्मी का घर कुलगाम में है. औरंगजेब की हत्या के सिलसिले में जांच के दौरान उन पर शक गहराया.'
औरंगजेब के पिता भाजपा में शामिल
औरंगजेब के पिता ने भी राजनीति में अपना भोरसा जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए हैं. औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ कुछ दिन पहले सांबा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे.
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इस मौके पर रजौरी के रहने वाले हनीफ ने मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस सरकार की गरीबों के प्रति नीतियों के चलते वह भाजपा में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि यह पार्टी गरीब लोगों के बारे में सोचती है जबकि पिछली सरकार में ऐसा नहीं था.
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औरंगजेब की हत्या के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख बिपिन रावत पीड़ित परिवार के घर गए थे अपनी शोक-संवेदना प्रकट की थी. औरंगजेब की शहादत के लिए भारत सरकार ने उन्हें वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया.
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