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इंटरनेट के जरिए चुनाव प्रचार करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे अटल बिहारी वाजपेयी

NDA के नेतृत्व में वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. हालांकि जयललिता के समर्थन वापस लेने की वजह से ही करीब 13 महीने बाद 1999 में वाजपेयी सरकार (Vajpayee Government) गिर गई थी.

Updated on: 25 Dec 2019, 11:25 AM

नई दिल्ली:

आज के दौर में सभी छोटे बड़े नेता चुनाव प्रचार के दौरान इंटरनेट (Internet) और सोशल मीडिया (Social Media) का खूब इस्तेमाल करते हैं. क्या आपको इसकी जानकारी है कि प्रधानमंत्री (Prime Minister) के पद पर बैठे किस नेता ने सबसे पहले चुनाव का प्रचार इंटरनेट के माध्यम से किया था. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने पीएम पद पर रहते हुए चुनाव प्रचार के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया था. गौरतलब है कि आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती है.

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पहली बार कहां किया इंटरनेट का इस्तेमाल
NDA के नेतृत्व में वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. हालांकि जयललिता के समर्थन वापस लेने की वजह से ही करीब 13 महीने बाद 1999 में वाजपेयी सरकार (Vajpayee Government) गिर गई थी. सरकार गिरने के बाद 1999 में फिर से आम चुनाव की घोषणा हुई थी. उस समय होने वाले चुनाव प्रचार में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इकलौते ऐसे कैंडिडेट थे जिन्होंने जमीनी प्रचार के साथ ही इंटरनेट का भी इस्तेमाल किया था.

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गौरतलब है कि 27 जुलाई 1999 को वाजपेयी के चुनाव प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर फिल्म एक्टर विनोद खन्ना ने VoteForAtal.Com का उद्घाटन किया था. हालांकि अभी यह वेबसाइट बंद हो चुकी है. बता दें कि इस चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी ने जबर्दस्त जीत दर्ज की थी. यहां एक खास बात यह भी है कि उस चुनाव प्रचार के दौरान लखनऊ में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी थे.

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15 अगस्त 1995 को भारत में शुरू हुआ इंटरनेट
भारत में इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को हुई. उस समय विदेश संचार निगम लिमिटेड ने टेलिफोन लाइन के जरिए भारत के कंप्यूटर को दुनिया के अन्य कंप्यूटर के साथ जोड़ दिया. बता दें कि वर्ष 1998 में तत्कालीन सरकार ने निजी कंपनियों को इंटरनेट सेवा के क्षेत्र में आने की अनुमति दे दी थी. 1998 में ही देश की पहली वेबसाइट इंडिया वर्ल्ड डॉट कॉम लॉन्च हुई थी. 1999 में वाजपेयी ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के एकाधिकार को ख़त्म करते हुए नई टेलिकॉम नीति लागू की. अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ लोकसभा सीट से लगातार 5 बार 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में सांसद निर्वाचित हुए.