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असम में सामान्य हो रहे हालात के बीच आज से हटेगा कर्फ्यू, बहाल होंगी इंटरनेट सेवाएं

नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में भी भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है.

Updated on: 17 Dec 2019, 12:13 AM

नई दिल्‍ली:

पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून पर आंदोलन उग्र हो उठा है. आंदोलन की यह आग सबसे पहले पूर्वोत्तर के राज्यों से शुरू हो कर दिल्ली तक पहुंची थी अब ये आग यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल से होते हुए महाराष्ट्र और गुजरात में भी जा पहुंची है. नॉर्थ ईस्ट में नागरिकता संशोधन बिल का भारी विरोध किया गया. असम में सबसे ज्यादा हिंसात्मक आंदोलन हुआ जिसको रोकने के लिए भारी पुलिस दल तैनात किया गया. नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में भी भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है. स्थिति को काबू करने के लिए सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है. पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू भी लगाया गया है. लेकिन सोमवार से असम में स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं जिसकी वजह से राज्य सरकार ने वहां पर ढील देने का विचार बनाया है और मंगलवार को राज्य में इंटरनेट सेवाएं बहाल करने और कर्फ्यू हटाने का फैसला किया है.

असम राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री हेमंत बिस्वसरमा ने दावा किया है कि मंगलवार को राज्य से कर्फ्यू पूरी तरह से हटा लिया जाएगा. रात में भी कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा. वहीं कर्फ्यू हटाए जाने के अलावा वहां पर ब्रॉडबैंड और इंटरनेट कनेक्टिविटी सेवाएं मंगलवार से बहाल कर दी जाएंगी. आपको बता दें कि असम सरकार नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को काबू में करने के लिए और राज्य में शांति बहाली के लिए कर्फ्यू लगाया था और इंटरनेट व्यवस्था बंद कर दी थी. अब स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो रहीं हैं जिसके बाद राज्य से कर्फ्यू हटाने और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने का फैसला किया गया है.

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राज्य में भारी नागरिकता संशोधन बिल के विरोध के बाद 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाओं को रोक दिया गया था और स्थितियों को काबू में करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था ताकि प्रदर्शनकारी अपना संदेश न फैला सकें और विरोध की चिंगारी अन्य राज्यों में न भड़क पाए. असम की राज्य सरकार ने इसके अलावा राज्य के स्कूलों और कालेजों को भी बंद करवा दिया था. शनिवार को बंद के बावजूद थोड़ी देर के लिए इंटरनेट की सेवाएं बहाल की गईं थीं. इससे पहले गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे समुजल भट्टाचार्य, महासचिव लुरिनज्योति गोगोई और AASU एडवाइज़र समेत 1000 से भी ज्यादा प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था.

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आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद कानून बनने के बाद पूर्वोत्तर के राज्यों में गुवाहाटी के साथ-साथ असम के अन्य हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए. आपको बता दें कि यह कानून 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान, और बांग्लादेश से शरणार्थी के रूप में भारत आए हिंदुओं, सिखों, पारसी, जैन व बौद्ध लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा. नागरिकता कानून के मुताबिक, इन समुदायों को अवैध अप्रवासी नहीं माना जाएगा और इन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी.