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असम सरकार इस स्कीम के तहत देगी मुफ्त में सोना, बस आपको करना होगा ये काम

इस योजना के लिए दुल्हा और दुलहन को पंजीकृत होना आवश्यक होगा. अगर आपने अपना पंजीकरण नहीं करवाया है तो आप असम सरकार की इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे.

Updated on: 20 Nov 2019, 05:30 PM

नई दिल्ली:

असम सरकार ने जनता को लुभाने के लिए एक और नया प्लान तैयार किया है. असम सरकार अब जनता को सोना बांटने की तैयारी कर रही है, सरकार ने राज्य में अरुंधति योजना के तहत प्रति वर्ष इस स्कीम पर 800 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है. आपको बता दें कि इस योजना के तहत असम सरकार राज्य की प्रत्येक दुलहन को एक तोला सोना मुफ्त में देगी. असम में इस स्कीम को चलाए जाने के पीछे एक खास वजह है. असम सरकार वहां पर बाल विवाह को रोकने के लिए ये नया कदम उठा रही है. इस योजना का उद्देश्य बाल विवाह को कम करना होगा क्योंकि इस योजना के लिए दुल्हा और दुलहन को पंजीकृत होना आवश्यक होगा. अगर आपने अपना पंजीकरण नहीं करवाया है तो आप असम सरकार की इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे.

आपको बता दें कि असम सरकार ने जनता को सोना देने का यह ऐलान अपने बजट में ही किया था. राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए बजट के मुताबिक, राज्य की दुल्हनों को सरकार की ओर से एक तोला (10 ग्राम) सोना दिया जाएगा. राज्य के वित्त मंत्री ने कहा था कि, 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी है कि हम अपने प्रदेश में सभी समुदायों की दुल्हनों को एक तोला सोना, जिसकी लागत आज 38 हजार रुपये है, शादी के मैके पर देंगे.'

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इसके अलावा इस बजट में अमस सरकार ने जनता के लिए कई और बेहतरीन घोषणाएं की हैं. फरवरी में 2019-20 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने छात्रों को छात्रावास शुल्क में रियायत समेत कम उम्र की विधवाओं और दिव्यांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप की योजनाओं की घोषणा की थी. वित्त मंत्री ने इस बजट में एक नई योजना की शुरूआत करने का ऐलान भी किया था जिसके मुताबिक राज्य में 45 साल तक की महिला के पति के निधन होने पर उसे तत्काल परिवार सहायता के रूप में 25 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे, इसके अलावा उस महिला को साठ साल की आयु तक प्रति माह 250 रुपये की पेंशन दी जाएगी और साठ साल के बाद उसे वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिलेगा.

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वहीं हेमंत बिस्वा शर्मा ने एनआरसी पर बोलते हुए कहा कि, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर असम राज्य सरकार की राय है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी एनआरसी द्वारा असम के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में असफल रही है. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने एनआरसी लागू करके असम से 3.1 करोड़ का नाम शामिल किए जबकि असम के 19.07 लाख लोग अपनी नागरिकता का सबूत नहीं दे पाए जिसकी वजह से उन्हें राज्य से निकाले जाने की कवायद चल रही है हालांकि सरकार ने उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का समय भी दिया था.